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प्लास्टिक पार्क प्रोजेक्ट से मिलेगा पांच हजार लोगों को रोजगार, जानें कैसे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देश पर गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के समीप बन रहे औद्योगिक गलियारे के अंतर्गत प्लास्टिक पार्क की स्थापना के लिए गीडा ने ढांचागत विकास (इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट) की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

Updated on: 21 Sep 2022, 08:33 PM

गोरखपुर:

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देश पर गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के समीप बन रहे औद्योगिक गलियारे के अंतर्गत प्लास्टिक पार्क की स्थापना के लिए गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) ने ढांचागत विकास (इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट) की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है. सड़क, ड्रेनेज, जैसी बुनियादी सुविधाओं के इंतजाम के लिए गीडा की तरफ से टेंडर जारी किया जा चुका है. इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के कार्य करीब आठ माह में पूर्ण करा लिए जाएंगे. प्लास्टिक पार्क के प्रोजेक्ट से गोरखपुर को इंडस्ट्रियल हब बनाने की सीएम योगी की मंशा भी परवान चढ़ेगी और करीब पांच हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा.

भूदृश्य महायोजना के अंतर्गत गीडा के अधिसूचित क्षेत्र ग्राम नरकटहा एवं भगवानपुर सेक्टर 27 एवं 28 को औद्योगिक गलियारे के रूप में विकसित किया जा रहा है. यह औद्योगिक गलियारा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के समीप बन रहा है और इसी गलियारे में 88  एकड़ भूमि पर बहुउद्देश्यीय प्लास्टिक पार्क की स्थापना होनी है. प्लास्टिक पार्क को केंद्र सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय से अंतिम अनुमोदन भी मिल चुका है. गीडा इस पार्क में प्रमोटर की भूमिका में होगा. पार्क के संचालन के लिए स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) का गठन किया जाएगा. इस एसपीवी में गीडा की भी हिस्सेदारी होगी. एसपीवी गठन की भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

गीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी पवन अग्रवाल के मुताबिक प्लास्टिक पार्क योजना के अंतर्गत 600 वर्गमीटर से लेकर 20000 वर्गमीटर के कुल 92 भूखंड नियोजित हैं. प्लास्टिक पार्क के प्रोजेक्ट में करीब 125 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसमें परियोजना निर्माण लागत 69.58 करोड़ रुपये में से भारत सरकार की तरफ से पचास फीसद यानी 34.79 करोड़ रुपये अनुदान के रूप में स्वीकृत हैं. शेष धनराशि का इंतजाम गीडा की तरफ से किया जा रहा है.
 
प्लास्टिक पार्क में विभिन्न प्लास्टिक उत्पादों के निर्माण एवं पैकेजिंग की यूनिट्स लगेंगी. इस योजना के तहत उद्यमियों को भूखंडों के आवंटन की कार्यवाही तीन माह बाद शुरू कर दी जाएगी. इस प्रोजेक्ट के मूर्त रूप में आने पर न केवल गोरखपुर का औद्योगिक परिदृश्य बदल जाएगा, बल्कि पांच हजार लोगों के रोजगार का मार्ग भी प्रशस्त होगा.

दो साल में प्लास्टिक पार्क प्रोजेक्ट को पूर्ण करने का टारगेट है. इसके लिए गीडा ने ढांचागत सुविधाओं सड़क, नाले, पुलिया, ओवरहेड टैंक, ट्यूबवेल, वेस्ट मैनेजमेंट ट्रीटमेंट, पावर सप्लाई एवं सब स्टेशन, चहारदीवारी आदि के निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है. गीडा के सीईओ पवन अग्रवाल के मुताबिक औद्योगिक इकाइयों की अवस्थापना सुविधाओं के लिए 18 मीटर, 24 मीटर चौड़ी सड़क, ड्रेनेज व्यवस्था हेतु नाली, कलवर्ट, बाउंड्रीवाल निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित की जा चुकी है. यह सभी कार्य आठ माह में पूर्ण करा लिए जाएंगे. इसी प्रकार योजना में यूनिट्स को विद्युत आपूर्ति के लिए ई-निविदा आमंत्रित किए जाने की भी प्रक्रिया पर काम चल रहा है.