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उत्तर प्रदेश में एक दिन में 22 करोड़ पौधे रोपे जाने का विश्व रिकॉर्ड बनाए जाने के 10 दिन बाद राज्य के 10 जिलों ने ऐसी ही एक पहल के तहत अगस्त महीने के अंत तक गंगा और गोमती नदियों के किनारे पौधारोपण करने का निश्चय किया है. बलिया के जिला अधिकारी भवानी सिंह ने कहा कि यहां गंगा के काफी लंबे किनारे हैं जो पौधारोपण अभियान के लिए आदर्श स्थान हो सकते हैं. मैने वन विभाग के अधिकारियों को इस अभियान के लिए योजना बनाने के लिए कहा है. उन्होंने बताया कि यह अभियान अगस्त के अंत तक या सितंबर के मध्य तक आयोजित किया जा सकता है.
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अधिकारियों ने कहा कि प्रमुख नदियों के किनारे पौधारोपण करने से मिट्टी के धंसने की घटनाओं पर बड़े स्तर पर रोक लगाई जा सकेगी. ऐसी ही योजनाएं गाजीपुर, चंदौली, गोंडा, मिर्जापुर, वाराणसी, प्रयागराज, कौशांबी, जौनपुर और अमेठी जिलों में भी बनाई जा रही हैं. गाजीपुर जिला प्रशासन इस अभियान को दो भागों में चलाने की योजना बना रहा है. प्रशासन प्रत्येक चरण में नदी के दोनों तरफ 10 किलोमीटर तक पौधारोपण करेगा.
मिर्जापुर में प्रशासन इससे पहले सुल्तानपुर में उपयोग में लाई गई सीड बम तकनीक को अपनाने की योजना बना रहा है. सीड बम तकनीक के तहत सूखे बीज वाले उर्वरक से लिपटी हुई मिट्टी के दो भागों की बनी एक सूखी बॉल होती है. बॉल बीज की रक्षा करती है और अनुकूल परिस्थितियों में उसे पनपने में सहायता करता है. सुल्तानपुर में पिछले सप्ताह गोमती नदी के तटों पर 14 लाख सीड बम फेंके गए थे.
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सुल्तानपुर में अभियान की शुरुआत करने वाले उत्तर प्रदेश के पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा कि मंत्रालय इस परियोजना को सफल बनाने के लिए सभी जिलों को हर संभव मदद प्रदान करेगा. उन्होंने कहा, कि ये पौधारोपण अभियान हमारी नदियों को नया जीवन देंगे और मिट्टी के कटान को भी रोकेंगे. ऐसे प्रयासों की सराहना की जानी चाहिए और इनका सहयोग करना चाहिए.
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