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TGT, प्रवक्ता भर्ती को लेकर इलाहाबाद HC में याचिका, 22 हजार पद बढ़ाने की मांग

इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) में याचिका दाखिल करके माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड (Uttar Pradesh Secondary Education Service Selection Board) की टीजीटी (Trained Graduate Teacher) और प्रवक्ता भर्ती...

Updated on: 31 Jul 2022, 08:44 AM

highlights

  • इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका
  • टीजीटी-प्रवक्ता पद के लिए 22 हजार पद बढ़ाने की मांग
  • सरकार, बोर्ड कर रहे अपराधियों को बचाने की कोशिश

प्रयागराज:

इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) में याचिका दाखिल करके माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड (Uttar Pradesh Secondary Education Service Selection Board) की टीजीटी (Trained Graduate Teacher) और प्रवक्ता भर्ती (विज्ञापन संख्या एक व दो) में अवैतनिक तदर्थ शिक्षकों के 22 हजार पद जोड़ने और तब तक भर्ती प्रक्रिया आगे न बढ़ाने की मांग की गई है. शीतला प्रसाद ओझा (Sheetla Prasad Ojha) की ओर से दाखिल इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है. 

तमाम अनुरोधों के अनसुना होने के बाद याचिका दायर

याची का कहना है कि अपनी मांग के संदर्भ में उन्होंने राज्य सरकार, शिक्षा निदेशक, अपर शिक्षा निदेशक और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड (Uttar Pradesh Secondary Education Service Selection Board) के सचिव को प्रत्यावेदन दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं कि गई. इस पर उन्होंने यह याचिका दायर की है.

सरकार नहीं कर रही हस्तक्षेप

याचिका में संजय सिंह के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) ने 22 हजार अवैतनिक तदर्थ शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त कर दी है. इसके बावजूद माध्यमिक शिक्षा विभाग (Secondary Board Department) के अधिकारी और राज्य सरकार उन्हें बचाने का काम कर रही हैं. इस संबंध में प्रतियोगी छात्रों के आंदोलन के बावजूद सरकार कुछ नहीं कर रही है.

पहले रद्द की जा चुकी है भर्ती

गौरतलब है कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड (Uttar Pradesh Secondary Education Service Selection Board) ने 2020 में टीजीटी और पीजीटी भर्ती का विज्ञापन जारी किया था, जिसे बाद में चयन बोर्ड को कोर्ट के आदेश पर रद्द करना पड़ा था. इस मामले में बोर्ड ने नए सिरे से टीजीटी व पीजीटी के 12603 पदों के लिए 16 मार्च 2021 को विज्ञापन जारी किया. चयन बोर्ड ने विज्ञापन शर्तों में स्पष्ट रूप से निर्देशित किया कि विज्ञापन रद्द होने के पहले आवेदन कर चुके अभ्यर्थियों को फिर से आवेदन करना होगा. हालांकि, उन्हें परीक्षा शुल्क देय नहीं होगा. याची अखिलेश्वर कुमार व 38 अन्य ने दोबारा आवेदन नहीं किया. इसके बावजूद प्रवेश पत्र जारी करने और परीक्षा में बैठने की अनुमति देने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की. कोर्ट ने विज्ञापन शर्तों का पालन न करने के आधार पर याचिका खारिज कर दी. अब इसी मामले में 22 हजार नए पदों को जोड़ने की मांग की गई है.