पीएम मोदी के वैक्सीन लगवाने के बाद लोगों का डर हो रहा खत्म

देश में एक मार्च से कोविड वैक्सीनेशन के तीसरे चरण की शुरुआत हो गई है. इस चरण में 45 वर्ष से 60 वर्ष आयु वर्ग वाले ऐसे लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है जो किसी तरह की बीमारी से पीड़ित हैं और उन्हें संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा है.

देश में एक मार्च से कोविड वैक्सीनेशन के तीसरे चरण की शुरुआत हो गई है. इस चरण में 45 वर्ष से 60 वर्ष आयु वर्ग वाले ऐसे लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है जो किसी तरह की बीमारी से पीड़ित हैं और उन्हें संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा है.

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Deepak Pandey
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पीएम मोदी के वैक्सीन लगवाने के बाद लोगों का डर हो रहा खत्म( Photo Credit : फाइल फोटो)

देश में एक मार्च से कोविड वैक्सीनेशन के तीसरे चरण की शुरुआत हो गई है. इस चरण में 45 वर्ष से 60 वर्ष आयु वर्ग वाले ऐसे लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है जो किसी तरह की बीमारी से पीड़ित हैं और उन्हें संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा है. इसके साथ ही 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को भी वैक्सीन लगाई जा रही है. एक मार्च को ही पीएम नरेंद्र मोदी ने भी वैक्सीन लगवाई है. पीएम मोदी के वैक्सीन लगवाने के बाद लोगों में वैक्सीन लगवाने को लेकर अब डर पूरी तरह से खत्म हो गया है. लोग अब खुद वैक्सीन लगवाने के लिए आगे आ रहे हैं.

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हालांकि, वैक्सीनेशन की शुरुआत में फ्रंट लाइन कोरोना वारियर्स को जब वैक्सीन लगाई जा रही थी, उस समय भी लोगों के मन में स्वदेशी वैक्सीन लगवाने को लेकर कई तरह की आशंकाएं थीं और शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा था. लेकिन पीएम मोदी और दूसरे बड़े नेताओं के वैक्सीन लगवाने के बाद स्वदेशी वैक्सीन को लेकर लोगों के विहैवियर में भी चेंज आया है. 

प्रयागराज में वैक्सीन के इंचार्ज एसीएमओ डॉ. राहुल सिंह के मुताबिक, पहले जहां लोग चिकित्सकों से ये पूछते थे कि क्या उन्हें वैक्सीन लगवानी चाहिए. वहीं, पीएम मोदी के वैक्सीन लगवाने के बाद अब लोग खुद डॉक्टरों से फोन कर ये पूछ रहे हैं कि उन्हें फलां बीमारी है और क्या वे वैक्सीन लगवा सकते हैं. एसीएमओ डॉ. राहुल सिंह के मुताबिक, प्रयागराज में लगभग नौ लाख लोगों को बीस मार्च तक वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि जिस तरह से लोगों में वैक्सीनेशन को लेकर उत्साह देखा जा रहा है ये लक्ष्य जरूर पूरा होगा.

उन्होंने कहा है कि सरकार छूटे हुए फ्रंट लाइन कोरोना वारियर्स के लिए भी एक बार फिर से वैक्सीनेशन की शुरुआत करने जा रही है, जिससे छूटे लोग भी उसमें कवर हो जाएंगे. एसीएमओ डॉ. राहुल सिंह के मुताबिक, इस कैटेगरी का कोई भी व्यक्ति कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराकर वैक्सीन लगवा सकता है. इसके अलावा वॉक इन करते हुए वैक्सीनेशन सेंटर पर भी जाकर आधार कार्ड के आधार पर एड वेनीफिशरी के रुप में वैक्सीन लगवा सकता है. उनके मुताबिक अब कोविन 2.0 एप भी आ गया है. इसके जरिए भी रजिस्टर्ड कर वैक्सीन सेंटर पर जाकर वैक्सीन लगवा सकते हैं.

एसीएमओ डॉ राहुल सिंह के मुताबिक, शहर के सरकारी अस्पतालों में तेज बहादुर सप्रू बेली अस्पताल, जिला महिला चिकित्सालय डफरिन और मोतीलाल मेडिकल कॉलेज के एसआरएन अस्पताल में नि:शुल्क कोविड व्यक्ति लगाई जा रही है. इसके साथ ही साथ निजी क्षेत्र में यूनाइटेड मेडिसिटी में भी कोविड वैक्सीनेशन कराया जा रहा है. सरकारी अस्पतालों में जहां निशुल्क वैक्सीन लगाई जा रही है तो वहीं निजी अस्पताल ढाई सौ रुपये तक चार्ज कर सकते हैं. इसके लिए चिन्हित किए गए निजी अस्पतालों को सरकार डेड सौ रुपए की दर से वैक्सीन भी उपलब्ध कराएगी. इसके बाद निजी अस्पताल पहले से पंजीकरण कराए लोगों को वैक्सीन लगा सकते हैं. 

प्रयागराज जिले में सीरम इंस्टीट्यूट पुणे की कोवीशील्ड वैक्सीन अब तक फ्रंट लाइन कोरोना वारियर्स को लगाई गई है. यही वैक्सीन अब तक जिले में अन्य लोगों को भी लगाई जा रही है. एसीएमओ डॉ. राहुल सिंह के मुताबिक, कई और निजी अस्पताल भी कोविड वैक्सीन लगाने के लिए आवेदन कर चुके हैं. जो‌ भी अस्पताल मानकों को पूरा करेंगे स्वास्थ विभाग उन्हें वैक्सीन लगाने की अनुमति देगा. इसके बाद उन अस्पतालों में भी यह सुविधा शुरू हो जाएगी.

Source : News Nation Bureau

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