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सिद्धार्थनगर में युवक की पिटाई (फोटो- News State)
उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में पुलिस का घिनौना और खौफनाक चेहरा सामने आया है, जहां एक युवक के साथ 'आतंकियों जैसा सलूक' किया गया है. कथित रूप से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर दो पुलिसकर्मियों ने मिलकर एक युवक की बेरहमी से पिटाई कर दी. पास खड़ा युवक का 4 साल का बेटा पापा को छोड़ने की गुहार लगाता, मगर खूंखार पुलिसवालों ने उसके सामने ही पिता को लात-घूसों, जूतों, बेल्ट से पीटा.
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पुलिस की इस गुंडागर्दी का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. इस मामले में आलाधिकारियों ने दोनों आरोपी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. लेकिन सोशल मीडिया पर लोग उत्तर प्रदेश पुलिस के ऊपर सवाल खड़े कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि लोगों ने दोनों आरोपी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने और कड़ी सजा देने की मांग की है.
धीरेंद्र शर्मा ने ट्विटर लिखा, 'इससे सबक नहीं मिलेगा, इस वर्दी धारी गुंडों की कम से कम 6 माह की तनख्वाह उस पीड़ित को दी जाय और उसी चौराहे पर उससे हाथ जोड़कर माफी मांगें.'
इससे सबक नहीं मिलेगा, इस वर्दी धारी गुंडों की कम से कम 6 माह की तनख्वा उस पीड़ित को दी जाय, और उसी चौराहे पर उससे हाथ जोड़ कर माफी मांगे @HRDMinistry@myogiadityanath
— Dharmendra Sharma (@AbhinnSharma6) September 13, 2019
शिव प्रताप ने लिखा, 'अब क्या जरूरत है कोर्ट और कचहरी की. अब तो पुलिस ही जज और अदालत बन गई, इसीलिए बीच सड़क पर दरोगा जी जज बन गए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी इसकी सजा निलंबन नहीं, दरोगा जी की बर्खास्तगी होनी चाहिए. मानवाधिकार आयोग इस पर संज्ञान ले.'
@kpmaurya1@aajtak
अब क्या जरूरत है कोर्ट और कचहरी की अब तो पुलिस ही जज और अदालत बन गई इसीलिए बीच सड़क पर दरोगा जी जज बन गए।@myogiadityanath जी इसकी सजा निलंबन नहीं दरोगा जी की बर्खास्तगी होनी चाहिए।@humnright संज्ञान ले।— Shivpratap 🇮🇳( RTI Activist ) (@SPSingh64226001) September 12, 2019
अरविंद पांडेय ने ट्विटर पर लिखा, 'एक बच्चे के सामने उसके परिवार वालों को मारना, यह तो खराब से भी खराब है. पेपर नहीं हैं तो कार्रवाई कीजिए, इसमें मारपीट कहां से आ गई. लाइन हाजिर जैसी कार्रवाई से कुछ नहीं होता, यह सभी महकमे को पता है. इसलिए ऐसी घटनाएं बार-बार देखने को मिलती है.'
एक बच्चे के सामने उसके परिवार वालों को मारना यह तो खराब से भी खराब है। पेपर नहीं है तो कार्यवाही कीजिए इसमें मारपीट कहां से आ गई।
लाइन हाजिर जैसी कार्यवाही से कुछ नहीं होता यह सभी महकमे को पता है इसलिए ऐसी घटनाएं बार-बार देखने को मिलती है।— ArViNd pandey (@ArvinrPandey) September 13, 2019
एक ट्विटर यूजर अनुराग भाटी ने लिखा है, 'मानवता शर्मसार किए हुए हैं. ऐसे लोगों को छोटा बच्चा भी नहीं दिख रहा. अब तो सुधर जाओ.'
मानवता शर्मसार किये हुए है ऐसे लोगों ने छोटा बच्चा भी नही दिख रहा इन्हे ।अब तो सुधर जाओ ।
— ऐडवोकेट अनुराग भाटी (@AdvAnuragBhati) September 12, 2019
कुलदीप सिंह शुक्ला ने लिखा, 'उत्तर प्रदेश पुलिस की छवि ही यही है. इसमें नई बात क्या है. ये रोज हर जगह होता है. एक आध वीडियो वायरल हो गया तो लाइन हाजिर कर दिया गया, बस हो गया काम. आम जनता के बीच उत्तर प्रदेश पुलिस की छवि कैसी है ये सबको पता है. अब शायद ये छवि कभी सुधर भी नहीं पाएगी, ऐसा प्रदेश है मेरा'
उत्तर प्रदेश पुलिस की छवि ही यही है
इसमे नई बात क्या है...
ये रोज हर जगह होता है
एक आध वीडियो वायरल हो गया तो लाइन हाजिर कर दिया गया, बस हो गया काम
आम जनता के बीच उत्तर प्रदेश पुलिस की छवि कैसी है ये सबको पता है
अब शायद ये छवि कभी सुधर भी नही पाएगी।
ऐसा प्रदेश है मेरा....— Kuldeep Shukla Tinku (@KuldeepshuklaSP) September 13, 2019
Source : डालचंद