पंचायत चुनाव: बीजेपी ने पिछड़ों को दी तरजीह, मुस्लिमों पर भी लगाया दांव

भाजपा ने अनारक्षित सीट पर भी पिछड़ो को टिकट देकर अपने को उनका हितैषी बताने का प्रयास किया है. श्रावस्ती जिले से पूर्व सांसद दद्न मिश्रा को टिकट देकर भाजपा ने यह बताने की कोशिश की है कि कोई चुनाव भाजपा हल्के में नहीं लेती है.

author-image
Shailendra Kumar
एडिट
New Update
प्रतीकात्मक तस्वीर

पंचायत चुनाव: बीजेपी ने पिछड़ों को दी तरजीह( Photo Credit : IANS)

उत्तर प्रदेश में हो रहे पंचायत चुनाव के लिए भाजपा ने 20 जिलों के लिए 819 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. पार्टी ने वोटों का गणित साधने के लिए पिछड़ो को तरजीह दी है. इसके अलावा, मुस्लिमों पर भी दांव लगाया है और सबका साथ, सबका विश्वास फॉर्मूले पर अमल करने की कोशिश की है. पार्टी ने गजियाबाद की रजापुर द्वितीय सीट से मेहताब को खड़ा किया है जबकि कन्नौज की गुगरपुर प्रथम सीट से रूबी बेगम को मैदान में उतार कर मुस्लिमों को टिकट न देने वाली छवि बदलने की कोशिश की है.

भाजपा ने अनारक्षित सीट पर भी पिछड़ो को टिकट देकर अपने को उनका हितैषी बताने का प्रयास किया है. श्रावस्ती जिले से पूर्व सांसद दद्न मिश्रा को टिकट देकर भाजपा ने यह बताने की कोशिश की है कि कोई चुनाव भाजपा हल्के में नहीं लेती है. इसके साथ ही जिन्हें अभी तक संगठन और सरकार में कहीं समायोजन नहीं मिल पाया उन्हें भी उम्मीदवार बनाया है.

बरेली की पूर्व विधायक सुभाष पटेल की पत्नी रश्मि पटेल, वीपी सरकार में मंत्री रहे भानुप्रताप सिंह की बेटी तेजश्वरी सिंह को भी बरेली के फतेहगंज से टिकट दिया गया है. आगरा के पूर्व सांसद बाबूराम की पुत्रवधू सीमा चौधरी को भी उम्मीदवार बनाया है. इसी प्रकार कई पूर्व जिलाध्यक्षों को भी टिकट देने में प्राथमिकता मिली हैं. हालांकि पार्टी ने कोशिश की है सभी जातियों का ,सामांजस बनाकर चुनाव लड़ा जाए.

जिस वार्ड में जिस जाति के लोग ज्यादा है वहां उसे प्राथमिकता मिली है. जारी पहली सूची में छोटे कार्यकातार्ओं को ज्यादा प्राथमिकता मिली है.

विधायकों सांसदो के रिश्तेदारों को चुनाव लड़ाने की जगह कार्यकर्तार्ओं को प्राथमिकता मिली है. कई जिलों में जिलाध्यक्षों के दिए नामों को भी प्राथमिकता मिली है. हालांकि किसी पदाधिकारी को पार्टी ने इस बार टिकट नहीं दिया है. क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव ने पहले ही साफ कर दिया था कि अगर कोई पदाधिकारी चुनाव लड़ेगा तो उसे अपने पद से पहले त्याग पत्र देना होगा.

राजनीतिक विश्लेषक प्रसून पांडेय कहते हैं कि 'पंचायत चुनाव को भाजपा ने गंभीरता से लिया है. अनारक्षित सीटों पर महिलाओं और पिछड़ों को टिकट देकर अपने जीत के इरादे जाहिर किए हैं. विधानसभा 2022 के चुनाव नजदीक देखकर पार्टी ने विधायकों, सांसदों और करीबियों को पंचायत टिकट में जगह दी है. जिससे आने वाले समय की राह आसान हो सके.'

भाजपा के प्रदेश महामंत्री अश्विनी त्यागी ने मुस्लिमों को टिकट देने पर कहा कि 'भाजपा कभी जाति धर्म देखकर टिकट नहीं देती है. प्रधानमंत्री के दिए गये मंत्र सबका साथ सबका विश्वास के फार्मूर्ले पर फिट बैठाकर उसे पार्टी ने टिकट दिया है.'

उन्होंने कहा कि 'पंचायत चुनाव में भाजपा ने दीनदयाल उपाध्याय के सपने अन्त्योदय को साकार करने का प्रयास किया है. पंचायत चुनाव में अच्छे लोग आएंगे तो ग्रामीण क्षेत्रों का अच्छा विकास होगा. इसी को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने इस बार कई वरिष्ठों और अनुभव वाले नेताओं को मैदान में उतारा है.'

Advertisment

 

HIGHLIGHTS

  • उत्तर प्रदेश में हो रहे पंचायत चुनाव के लिए भाजपा ने जारी की पहली लिस्ट
  • बीजेपी 20 जिलों के लिए 819 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है
  • बीजेपी ने वोटों का गणित साधने के लिए पिछड़ो को तरजीह दी है
Muslims Vote पंचायत चुनाव Muslims बीजेपी backward class BJP UP Panchayat Elections 2021 Panchayat Elections backward Panchayat Elections 2021 Uttar Pradesh Panchayat elections up-panchayat-elections यूपी पंचायत चुनाव
      
Advertisment