इस राज्य की चीनी मिलों में ऑक्सीजन उत्पादन की तैयारी, लगेगा प्लांट
अपर मुख्य सचिव संजय आर. भूसरेड्डी के मुताबिक करीब 50 लाख की लागत वाले इस ऑक्सीजन जनरेशन प्लाँट के जरिये संबंधित सामुदायिक स्वास्थ्य़ केन्द्र पर करीब 30 से 50 मरीजो को निरंतर ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सकेगी.
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश में लगातार बढ रहे कोरोना संक्रमण के चलते ऑक्सीजन की एक बडे स्तर पर कमी देखने को मिल रही है. जिसके चलते योगी सरकार एक ओर जहाँ लगातार देश के विभिन्न प्रदेशो से ऑक्सीजन मंगवाकर यूपी में कोरोना संक्रमितो की जान बचाने में जुटी है. तो वही दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अब प्रदेश के गन्ना और आबकारी विभाग के जरिये यूपी में ही एक बडे स्तर पर ऑक्सीजन के उत्पादन की युद्धस्तर पर तैयारी की जा रही है. जिसके तहत सबसे पहले गन्ना और आबकारी विभाग के जरिये अब जल्द ही न सिर्फ प्रदेश के हर एक जिले में एक ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाया जायेगा. बल्कि प्रदेश की चीनी मिलो में एथनाँल के साथ एक बडे स्तर पर ऑक्सीजन का भी उत्पादन कर उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी को पूरी करने की तैयारी की जा रही है.
गन्ना एवं आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय आर. भूसरेड्डी के मुताबिक मुख्यमंत्री के निर्देश पर चीनी मिलो, डिस्टलरियो और इन विभागो से जुडी कई कंपनियो के सहयोग से प्रदेश के सभी 75 जिलो में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाने की सरकार तैयारी कर रही है. ये ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट CM के निर्देश पर हर एक जिले के किसी ग्रामीण इलाके में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर लगाया जायेगा. जिसका चयन संबंधित जिले के DM और CMO द्वारा किया जायेगा.
अपर मुख्य सचिव संजय आर. भूसरेड्डी के मुताबिक करीब 50 लाख की लागत वाले इस ऑक्सीजन जनरेशन प्लाँट के जरिये संबंधित सामुदायिक स्वास्थ्य़ केन्द्र पर करीब 30 से 50 मरीजो को निरंतर ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सकेगी. ये ऑक्सीजन प्लांट फिलहाल हिंदुस्तान में मौजूद नही है. इसलिये इन्हें भारत सरकार की मदद से ताइवान और कोरिया जेसै देशो से एयरलिफ्ट कर मंगाया जा रहा है.
जबकि दूसरी ओर गन्ना एवं आबकारी विभाग प्रदेश की चीनी मिलो के जरिये ही यूपी में बडे स्तर पर ऑक्सीजन के उत्पादन की तैयारी कर रहा है.सरकार की योजना है कि जिन मिलों में एथेनॉल का उत्पादन होता है उन मिलों में ऑक्सीजन का उत्पादन किया जाय.जिस पर योजना बनाई जा रही है. अपर मुख्य सचिव संजय आर. भूसरेड्डी के मुताबिक प्रदेश की चीनी मिलों मे अब एथनाँल के साथ ही साथ ऑक्सीजन के भी उत्पादन के लिये हर संभव प्रयास किया जा रहा है. एँथनाल की जगह ऑक्सीजन के उत्पादन के लिये आवश्यक उपकरणो को विदेशो से मंगाने की तैयारी है. और साथ ही देश में भी मौजूद विकल्पो को तलाशा जा रहा है. अगर हम अपने इस प्रयास में सफल रहे तो विशेषज्ञो के मुताबिक हम यूपी के 15 डिस्टलरियो के जरिये ही करीब 300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का रोजाना उत्पादन कर प्रदेश में ऑक्सीजन की किल्लत को खत्म कर देंगे.
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