उत्तर प्रदेश विधानसभा (Uttar Pradesh Assembly) में गुरूवार को संशोधित नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) के विरोध में प्रदर्शनों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोक झोंक हुई. संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री सुरेश खन्ना (Suresh Khanna) ने विपक्ष को सीएए प्रदर्शनों के लिये जिम्मेदार ठहराया. खन्ना 18 फरवरी को सदन में पेश किए गए वर्ष 2020-2021 के बजट पर जवाब दे रहे थे.
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इस दौरान विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी ने कहा कि वह (खन्ना) विपक्ष द्वारा उठायें गये सवालों को नजरअंदाज कर रहे है. इस पर खन्ना ने पलटवार किया. उन्होंने चौधरी के उस पुराने बयान का हवाला दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि जो लोग नागरिकता कानून के विरोध में धरना दे रहे है उन्हें पेंशन दी जायेंगी.
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इस पर चौधरी ने जवाब दिया कि जो लोग लोकतंत्र की रक्षा के लिये संघर्ष करते है उन्हें पेंशन दी जाती है. हमें खुद लोकतंत्र सेनानी (जो आपातकाल के दौरान जेल में बंद थे) के रूप में पेंशन मिलती है. खन्ना ने कहा कि विपक्षी द प्रदेश में सीएए के नाम पर अराजकता फैला रहे है. खन्ना के इस बयान पर विपक्षी सदस्य अपनी अपनी सीट पर खड़े होकर विरोध करने लगे जिसके जवाब में सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भी बोलना शुरू कर दिया. इसके बाद दोनों पक्षों के बीच तेज नोक झोंक हुई.