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योगी आदित्यनाथ।( Photo Credit : फाइल फोटो)
उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों में स्नातक व परास्नातक के द्वितीय और तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों की ऑनलाइन कक्षाएं चार अगस्त से शुरू होंगी. सीनियर स्टूडेंट की ऑनलाइन पढ़ाई शुरु करवाने के लिए सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति सोमवार से लेकर 31 जुलाई तक, डीन व शिक्षकों को परिसर में बुलाकर ई-कंटेंट, वीडियो लेक्चर तैयार कराएंगे और अपनी वेबसाइट पर ओपन एक्सेस लिंक के जरिए अपलोड करवाएंगे.
वहीं तीन अगस्त तक सभी विद्यार्थियों के अभिभावकों से संपर्क कर उनसे पढ़ाई को लेकर फीडबैक लिया जाएगा. इस बार दाखिले की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. स्नातक प्रथम वर्ष की प्रवेश प्रक्रिया 15 सितंबर तक पूरी होगी और एक अक्टूबर से पढ़ाई शुरू होगी. इसी तरह परास्नातक प्रथम वर्ष के दाखिले की प्रक्रिया 31 अक्टूबर तक पूरी होगी और पढ़ाई एक नवंबर से होगी.
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उच्च शिक्षा विभाग ने नए सत्र 2020-21 का कैलेंडर घोषित कर दिया है. अभी कोरोना आपदा के कारण ऑनलाइन कक्षाएं चलेंगी. आगे अगर स्थिति बेहतर हुई तो एक अक्टूबर से परिसर में पहले जैसी कक्षाएं चलेंगी. सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि शिक्षकों को कॉलेज बुलाया जा सकता है. लेकिन ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग और सैनेटाइजेशन का विशेष ध्यान रखा जाए. पाठ्यक्रम के सापेक्ष अभी शुरुआत में कम प्रथम 45 दिनों तक सिर्फ ऑनलाइन पढ़ाई होगी.
Uttar Pradesh govt issues guidelines regarding beginning of next academic session in state universities, classes of graduation first year to start from October 1 and classes of post graduation first year to start from November 1. pic.twitter.com/81OdSZRhWL
— ANI UP (@ANINewsUP) July 12, 2020
ऑनलाइन कक्षाओं के लिए विश्वविद्यालय व कॉलेजों में स्मार्ट क्लासेज न ऑनलाइम मीटिंग सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जाएगा. प्रैक्टिकल विषयों के विद्यार्थियों को सिमुलेशन सॉफ्टवेयर व वर्चुअल लैब की मदद से प्रैक्टिकल करवाया जाएगा. स्थितियां ठीक होने पर जब विद्यार्थियों को परिसर में बुलाया जाएगा तो प्रत्येक वर्ष के विद्यार्थियों के तीन से चार समूह अलग-अलग विषयों के अनुसार एक सप्ताह तक आएंगे. इसके बाद दूसरे समूह के विद्यार्थियों को बुलाया जाएगा.
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वहीं, ऐसे प्रैक्टिल जिनमें बिना प्रयोगशाला आए प्रयोग करना संभव नहीं है, उसके लिए विद्यार्थियों के समूह बनाकर उन्हें सप्ताह भर में यह प्रयोग करवाए जाएंगे. मिड टर्म व बैक पेपर की परीक्षाएं की परीक्षाएं पांच दिसंबर 2020 तक पूरी होंगी. परास्नातक प्रथम वर्ष की विषम सेमेस्टर परीक्षाएं 15 मार्च, 2021 तक संपन्न होंगी.
ऐसे संस्थान जहां सेमेस्टर प्रणाली की जगह वार्षिक परीक्षा लागू है वहां परास्नातक प्रथम वर्ष की वार्षिक परीक्षाएं एक मई से 15 जून तक होंगी. इसी तरह सम सेमेस्टर के लिए मिड टर्म परीक्षाएं 30 अप्रैल तक संपन्न होंगी. परास्नातक की सम सेमेस्टर की परीक्षाएं 30 जून तक होंगी. वहीं वार्षिक परीक्षाओं का परिणाम 15 जून तक घोषित कर दिया जाएगा.
परीक्षाएं नहीं हुईं तो मिडटर्म के अंकों से होंगे पास
उच्च शिक्षा विभाग की ओर से सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया गया है कि वह कोरोना आपदा से सबक लेकर ऐसी पद्धति विकसित करें कि परीक्षाएं न हो पाने की स्थिति में विद्यार्थियों को अगली कक्षा में भेजा जा सके. इसके लिए अब साल भर सत मूल्यांकन होगा. मिड टर्म, सेशनल परीक्षा, ट्यूटोरियल, आसाइनमेंट, प्रोजेक्ट के सापेक्ष विषयवार अंकों का विभाजन हो कि पू्र्णांक के सापेक्ष इनके अंक 50 प्रतिशत तक हों.
Source : News Nation Bureau
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