पुलवामा के एक साल : अब इस हाल में है मैनपुरी के लाल का परिवार

14 फरवरी को पुलवामा में शहीद रामवकील मैनपुरी के रहने वाले थे. शहीद रामवकील की पत्नी अपने मायके इटावा में रहती हैं. उनका आरोप है कि सरकार ने जो वादे किए थे वह पूरे नहीं हुए.

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Yogendra Mishra
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पुलवामा के एक साल : अब इस हाल में है मैनपुरी के लाल का परिवार

शहीद की पत्नी।( Photo Credit : News State)

14 फरवरी को पुलवामा में शहीद रामवकील मैनपुरी के रहने वाले थे. शहीद रामवकील की पत्नी अपने मायके इटावा में रहती हैं. उनका आरोप है कि सरकार ने जो वादे किए थे वह पूरे नहीं हुए. अभी तक शहीद के स्मारक के लिए रास्ता नहीं मिल रहा है. इटावा मैनपुरी के विनायकपुर के रहने वाले राम वकील पिछले साल 2019 में 14 फरवरी को पुलवामा में शहीद हो गए थे. शहीद की पत्नी गीता देवी अपने मायके अशोक नगर इटावा में रहती हैं.

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शहीद राम वकील के तीन बेटे हैं. बड़ा बेटा अंकित (11) गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट कालेज लखनऊ में पढ़ाई कर रहा है. दूसरा बेटा अर्पित (10) सहभागी इंटर नेशनल झज्जर हरियाणा में पढ़ाई कर रहा है. सबसे छोटा बेटा अंश (6) अपनी मां के पास रहकर देहली पब्लिक स्कूल इटावा में पढ़ाई कर रहा है. शहीद की पत्नी गीता इटावा विकाश भवन में ग्राम विकास विभाग में बाबू के पद पर हैं. गीता अपने पिता दिवारीलाल, माँ कुसमा देवी, भाई विपिन कुमार रिंकू के साथ इटावा में रहती हैं. गीता के पिता पुलिस विभाग कानपुर में तैनात हैं.

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मैनपुरी विनायकपुर के रहने वाले शहीद राम वकील गांव के रहने वाले थे. उनका अंतिम संस्कार विनायकपुर गांव में किया गया. लेकिन आज भी शहीद के स्मारक तक जाने के लिए जगह नही मिली है. शहीद के स्मारक तक जाने के लिए कोई रास्ता नही है. हाल यह है कि खेत मालिक ने गीता के ऊपर जबरन रास्ता लेने का एक मुकदमा कायम कराया है. सरकार ने मकान बनवाने का वादा किया था जो अभी भी पूरा नहीं हुआ है.

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सरकार की तरफ से जो मुआवजा मिलना था मिल गया. बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा सरकार ने उठाया था. गीता को इटावा विकाश भवन में नौकरी मिल गयी लेकिन शहीद के स्मारक बनवाने के लिए अब उनको चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. कोई सुनवायी नहीं हो रही है. देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश के राज्यपाल तक लिखित शिकायत की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. शहीद के भतीजे के कहना है सरकार द्वारा जो घोषणा की गई थी अभी तक आधी अधूरी है. हम लोग शहीद स्मारक बनवाने के लिए चक्कर लगा रहे हैं. ऊपर तक शिकायत की लेकिन कोई सुनवाही नही हुई है.

Source : News Nation Bureau

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