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जौनपुर जेल में बीड़ी सिगरेट बंद, कैदियों की हड़ताल के बाद एक की मौत

जौनपुर जिला जेल में कैदियों ने हड़ताल की. हड़ताल में एक कैदी की तबियत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई. बताया जा रहा है कि हड़ताल बीड़ी-सिगरेट बंद होने के कारण की गई थी.

Updated on: 17 Jul 2019, 01:56 PM

highlights

  • छापेमारी में बीड़ी सिगरेट पर लगा दी गई थी रोक
  • DIG जेल ने खत्म करवाई थी हड़ताल
  • सुबह एक कैदी की तबियत हो गई खराब

जौनपुर:

जौनपुर जिला जेल में कैदियों ने हड़ताल की. हड़ताल में एक कैदी की तबियत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई. बताया जा रहा है कि हड़ताल बीड़ी-सिगरेट बंद होने के कारण की गई थी. बताया जा रहा है कि लगातार शिकायत मिल रही थी कि जौनपुर जेल में कैदियों के पास आपत्तिजनक सामान है.

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जिसके बाद 7 जुलाी को डीएम और एसपी ने छापेमारी की थी. जिसके बाद जेलर के कमरे से ही कई आपत्तिजनक सामाना मिले थे. जिनमें 12 मोबाइल, शराब की बोतलें, गांजा, बीड़ी, सिगरेट व अन्य नशीले पदार्थ मिले थे. जिसके बाद सख्ती दिखाते हुए जेल में बीड़ी, सिगरेट को बंद कर दिया गया था.

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इस कारण से 15 जुलाई को कैदी भूख हड़ताल पर बैठ गए थे. जिन्हें मनाने के लिए डीआईजी जेल बीएस यादव करीब 12 घण्टे तक डेरा डाले रहे. रात का भोजन बांटने के बाद DIG जेल ने मीडिया से जिला प्रशासन को सवालों को घेरे में खड़ा कर दिया और बताया कि जेल मैन्युल में बीड़ी सिगरेट जायज है जिसे बंद नही किया जा सकता.

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इसके बाद जिला जेल में सुबह कैदी जयराम की तबियत बिगड़ गई. तबीयत बिगड़ती देख आनन-फानन में उसे जेल प्रशासन ने जिला अस्पताल के लिए भेज दिया लेकिन मरीज की रास्ते मे मौत हो गई. कैदी की मौत पर जिला जेल प्रशासन व जिला अस्पताल का बयान अलग अलग होने से शक की सुई जिला जेल प्रशासन की ओर है.

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जिसके बाद लग रहा है कि दाल में कुछ काला है. क्योंकि जेल प्रशासन कह रहा है तबियत खराब होने पर कैदी को जिला अस्पताल भेजा गया तो अस्पताल प्रशासन का कहना है कैदी को मृत अवस्था में जेल लाया गया था. फिलहाल दोनों बयान अलग होने से जेल प्रशासन सवालों के घेरे में है क्योंकि कल ही जिला जेल में कैदियों ने भूख हड़ताल की.

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खबर लिखी जाने तक पोस्टमार्टम की रिपोर्ट सामने नहीं आई थी. जिला जेल प्रशासन मामले की लीपापोती में लगी है. जिला अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने बताया कि आज सुबह 7-8 बजे सुबह जिला जेल से जयराम (70) पुत्र उरई पाल को जेल वार्डेन पुष्पेंद्र गिरी, त्रिभुवन यादव ने जेल से लाए थे. यहां जांच में पता लगा की उसकी मौत हो चुकी है.