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बसपा के प्रबुद्ध सम्मेलन के मौके पर सतीश चंद्र मिश्रा ने BJP-सपा पर साधा निशाना

बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा का मंच से बयान दिया, ब्राह्मण समाज 13 प्रतिशत है 3 करोड़ होने के बाद भी ऐसी दशा है, क्योंकि ब्राह्मण एकजुट नही है, खुद को केवल ब्राह्मण मानिए तो बड़ी शक्ति बन जाएंगे

Updated on: 29 Jul 2021, 05:18 PM

highlights

  •  सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा, 2007 में भी ब्राह्मण समाज उपेक्षित था और आज भी उपेक्षित है
  • उन्होने कहा, महिलाओं से क्या वादा किया था, सिलेंडर पहले 200 का था अब हज़ार का हो गया
  • सपा-बीजेपी एक ही सिक्के के दो पहलू है

सुल्तानपुर:

बसपा के प्रबुद्ध सम्मेलन में बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा का मंच से बयान दिया, यूपी में ब्राह्मण समाज की एकजुटता की वजह से 2007 में बीएसपी की सरकार बनी, 2007 चुनाव से पहले भी पूरे प्रदेश का दौरा किया था, इस बार भी 23 तरीख को निकले हैं और दौरे का आज सातवां दिन है, पूरे यूपी में घूमने के बाद ही लौटेंगे. 2007 में भी ब्राह्मण समाज उपेक्षित था और आज भी उपेक्षित है, इसकी कारण ब्राह्मण समाज में बिखराव है, आपको सोचना होगा कि क्या करना है, हम 13 प्रतिशत है 3 करोड़ होने के बाद हमारी ऐसी दशा है, क्योंकि हम एकजुट नही है, खुद को केवल ब्राह्मण मानिए तो बड़ी शक्ति बन जाएंगे, 23 प्रतिशत दलित भाइयों के साथ भाईचारा बनाइये, 36% पूरे प्रदेश में भारी पड़ेंगे, जैसे 2007 में पड़े थे, ब्राह्मण समाज की वजह से बहन जी नारा बदला, "जिसकी जितनी तैयारी उसकी उतनी हिस्सेदारी किया" 2007 में 45 ब्राह्मण समाज के प्रत्याशी चुनाव जीत कर आये थे.

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उन्होने कहा, ब्राह्मण समाज के लोगों को बड़े मंत्रालय दिए गए,15 एमएलसी बनाये, 35 को तो मंत्री का दर्जा दिया गया था, उत्तर प्रदेश विधान परिषद का अध्यक्ष बनाया, 3 हज़ार से ज्यादा लोगों को बड़े ओहदे दिए, बड़े अधिकारी बनाये, हाईकोर्ट में सरकारी वकील बनाये, 2007 से सपा सरकार में ब्राह्मणों का उत्पीड़न किया गया था, सपा-बीजेपी एक ही सिक्के के दो पहलू है, 2012 से 10 सालों में ब्राह्मण समाज को क्या मिला, सपा ने प्रतापगढ़ के राजाराम पाण्डेय को मंत्री बनाया था लेकिन उन्हे हटाकर इतना बड़ा झटका दिया कि सदमे से उनकी मौत हो गयी, दिल्ली के मुख्यमंत्री कहते हैं हमसे ज्यादा कोई झूठ नही बोल सकता ये ( बीजेपी वाले ) उससे आगे निकल गए, दो करोड़ लोगों को नौकरी देने के बजाय 2 करोड़ नौकरी लेने का काम किया. सभी बड़ी संस्थाओं को दो-तीन उद्योगपतियों को देने का काम किया, पढ़े लिखे लोगों को पकौड़ा बेचने का रोजगार देने का काम किया.

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उन्होने आगे कहा, महिलाओं से क्या वादा किया था, सिलेंडर पहले 200 का था अब हज़ार का हो गया, महिलाओं का बजट बिगड़ गया दोबारा चूल्हे जलाना पड़ा, किसानों की आमदनी दो गुनी करने का वादा किया, पहले भी ज़ीरो थी उसमें  2 से गुना कर दिया कहा हो गयी दोगुनी, अंग्रेज़ो की तरह तेल कंपनियों, एलआईसी सहित तमाम कंपनियों को उद्योगपतियों को दे दिया, किसानों की ज़मीन बची थी उसपर कब्जा करने के लिए 3 बिल लेकर आये, ऐसा कानून बनाया की ज़मीन भी गयी, फसल भी गयी और जो थोड़ी बहुत आमदनी थी वो भी, किसान कहाँ मुकदमे लड़ने जाएंगे, एक साल हो गया किसानों के प्रदर्शन का 500 लोग मर गए इनको कोई फर्क नही पड़ा, उद्योगपतियों ने हजारों करोड़ का चंदा दिया है कैसे कानून बदलेंगे, छोटे उद्योग को बंद करने के लिए जीएसटी-नोटबन्दी लगाई, 50 सालों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी आज है, दिल्ली में ब्राह्मण एमपी को बुलाकर बंद कमरे में बैठक में कर रहे हैं, सबने कहा कि कुछ नही हो सकता, 5 साल से ब्राह्मण समाज के साथ ज्यादती हो रही है, कानपुर में एक व्यक्ति के कारण 50 ब्राह्मण समाज के लोगों को उठवा कर जेल में डाला, 100 से ज्यादा अभी भी बंद है, पुलिस को बदनाम करने का काम किया, कहा, ब्राह्मण समाज के लोगों को मारो, लखनऊ में 3 लोगों को मारा, चित्रकूट में मारा गया.