लावारिस दलित महिला की मौत होने पर बेटे बन गए पुलिसवाले, कंधा देकर किया अंतिम संस्कार

वर्दीवालों ने कंधा देते हुए अंतिम यात्रा भी निकाली. पुलिस के इस मानवीय चेहरे के पीछे 2009 बैच के आईपीएस और जिले के एसएसपी दिनेश कुमार की अहम भूमिका बताई जा रही.

वर्दीवालों ने कंधा देते हुए अंतिम यात्रा भी निकाली. पुलिस के इस मानवीय चेहरे के पीछे 2009 बैच के आईपीएस और जिले के एसएसपी दिनेश कुमार की अहम भूमिका बताई जा रही.

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yogesh bhadauriya
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प्रतीकात्मक फोटो

प्रतीकात्मक तस्वीर( Photo Credit : News State)

उत्तर प्रदेश की सहारनपुर पुलिस ने बुधवार को लोगों का दिल जीत लिया. जब एक लावारिस दलित महिला की मौत होने पर पुलिसवालों ने बेटे का फर्ज निभाकर अंतिम संस्कार किया. वर्दीवालों ने कंधा देते हुए अंतिम यात्रा भी निकाली. पुलिस के इस मानवीय चेहरे के पीछे 2009 बैच के आईपीएस और जिले के एसएसपी दिनेश कुमार की अहम भूमिका बताई जा रही. एसएसपी दिनेश कुमार जिले के पुलिसकर्मियों को संवेदनशीलता का लगातार पाठ पढ़ाते रहे हैं. जब महिला को पुलिस के कंधा देने वाली तस्वीरें वायरल हुईं तो मुख्यमंत्री सूचना सेल ने भी इसकी तारीफ की. सूचना सेल ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के अनुरूप लॉकडाउन के दौरान पुलिस का मानवीय और संवेदनशील पक्ष उजागर हुआ है.

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मामला बड़गांव थाने के किशनपुर गांव का है. गांव की दलित परिवार की वृद्ध मीना के पति हरिया की चार साल पहले मौत हो गई थी. महिला के परिवार में और कोई नहीं बचा था. महिला कई महीने से बीमार चल रही थी. खबर मिलने पर सहारनपुर पुलिस ने मंगलवार को ही मीना को नानौता के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया था. इलाज के दौरान बुधवार को महिला की मौत हुई तो अंतिम संस्कार करने वाला कोई नहीं था.

जिस पर थाने के एसएसआई दीपक चौधरी, सिपाही गौरव और विनोद ने बेटे का फर्ज निभाते हुए महिला को कंधा दिए. पुलिस ने गांववालों के सहयोग से महिला का अंतिम संस्कार किया. पुलिस की इस संवेदनशीलता की सोशल मीडिया पर काफी सराहना हो रही है.

Source : News State

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