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ओमप्रकाश राजभर बोले- UP में 5 साल में होंगे 5 मुख्यमंत्री, बीजेपी ने दी ये प्रतिक्रिया

सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि उनके नेतृत्व में गठित मोर्चा अगले साल होने वाले राज्य चुनावों में सभी 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगा.

Updated on: 30 Jun 2021, 12:18 PM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए सभी पार्टियां दो-दो हाथ करने में लगी हैं. सबके अपने अपने गुणा भाग हैं. इसी कड़ी में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने नया गठबंधन फॉर्मूला बताया है. ओमप्रकाश राजभर ने भागीदारी संकल्‍प मोर्चा के यूपी के विधानसभा चुनाव में सभी 403 सीटों पर लड़ने का ऐलान किया और साथ में सरकार बनाने का दावा भी किया है. इस दौरान उन्होंने मोर्चा की ओर से मुख्‍यमंत्री पद के चेहरे को लेकर बड़ा बयान दिया है.

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सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि उनके नेतृत्व में गठित मोर्चा अगले साल होने वाले राज्य चुनावों में सभी 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगा. इस दौरान जब उनसे सीएम चेहरे को लेकर सवाल किया गया तो राजभर ने कहा कि उत्तर प्रदेश में उनके गठबंधन की सरकार आने पर पांच साल में पांच जाति के मुख्‍यमंत्री बनाएंगे. ओमप्रकाश राजभर ने कहा क हम एक चुनाव, पांच साल सरकार और पांच मुख्‍यमंत्री के फॉर्मूला पर चलेंगे. यूपी को पांच साल में पांच जाति (कुशवाहा, राजभर, चौहान, मुसलमान और पटेल) मुख्‍यमंत्री देंगे.

ओमप्रकाश राजभर ने इस दौरान बीजेपी को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि यूपी में छह-छह महीने की सरकार का फॉर्मूला सबसे पहले बीजेपी ने लागू किया था. डिप्‍टी सीएम का भी चलन उसी ने शुरू किया है. हालांकि राजभर के बयान पर बीजेपी की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है. बीजेपी नेता और यूपी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने तंज कसते कहा, 'सपने देखिये पर मुंगेरी लाल के सपने न देखें राजभर.' मोहसिन रजा ने कहा कि विभिन्न छोटे-छोटे दलों से मिलकर राजभर और ओवैसी हर साल नए सीएम और 4 डिप्टी सीएम बनाएंगे. उत्तर प्रदेश की जनता इन दलों के दलदल में नहीं फंसेगी.

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आपको बता दें कि भागीदारी संकल्‍प मोर्चा 16 छोटी छोटी पार्टियों का मंच है. जिसमें सुहेलदेव राजभर सुभासपा और असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM अहम पार्टी हैं. राजभर एआईएमआईएम, कृष्णा पटेल के नेतृत्व वाले अपना दल और पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा के नेतृत्व वाले जन अधिकार मंच सहित बीजेपी के विभिन्न राजनीतिक विरोधियों तक पहुंच रहे हैं, ताकि एक राजनीतिक मोर्चा बनाया जा सके जो संभावित रूप से एक राजनीतिक ताकत के रूप में उभर सके. वैसे ये सब मान रहे हैं कि ये दल सब से ज्यादा नुकसान विपक्ष को ही करेंगे.