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BJP गठबंधन में शामिल हो सकते हैं ओपी राजभर, जानें क्यों

यूपी की राजनीति से जुड़ी बड़ी खबर है. होली के दिन शुक्रवार को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी राजभर (OP Rajbhar) ने गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की.

Updated on: 19 Mar 2022, 05:11 PM

नई दिल्ली:

यूपी की राजनीति से जुड़ी बड़ी खबर है. होली के दिन शुक्रवार को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी राजभर (OP Rajbhar) ने गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की. करीब एक घंटे चली मुलाकात में केंद्रीय मंत्री और यूपी चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, भाजपा के संगठन मंत्री सुनील बंसल भी मौजूद रहे. राजभर ने 2022 का विधानसभा चुनाव सपा के साथ गठबंधन करके लड़ा था. ऐसे में शाह के साथ उनकी इस मुलाकात से सियासी गलियारे में चर्चा शुरू हो गई.

सियासी जानकारों का कहना है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो ओपी राजभर नई योगी सरकार में शामिल हो सकते हैं. यह बात इसलिए भी कही जा रही है, क्योंकि योगी सरकार के शपथ ग्रहण से पहले ही उन्होंने मुलाकात की है. तीन दिन पहले भी ओपी राजभर ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की थी. यानी 4 दिनों में ओपी राजभर दो बार भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कर चुके हैं. ओपी राजभर ने भाजपा के सामने अपनी बात रखी है.

सूत्र बताते हैं कि अमित शाह के सामने राजभर ने अपनी मांग के साथ अपना पक्ष रखा. अब आगे का फैसला शाह और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को करना है. माना यह भी जा रहा है कि दोनों को एक-दूसरे की जरूरत है, क्योंकि पूर्वांचल क्षेत्र में लोकसभा की करीब 26 सीटें ऐसी हैं, जहां राजभर समाज का प्रभाव है. वहीं, 14 लोकसभा सीटें तो ऐसी हैं जहां पर राजभर समाज का वोट नतीजों पर निर्णायक रहता है. ऐसे में यह भाजपा के लिए 2024 लोकसभा चुनाव के लिए अहम हैं.

2017 के विधानसभा चुनाव में राजभर ने भाजपा के साथ रहकर विधानसभा का चुनाव लड़ा था. हालांकि, बीच में ही राजभर का मन बदल गया है और वह भाजपा से अलग हो गए. इसके बाद, 2022 में राजभर ने सपा के साथ चुनाव लड़ा था. इसमें 6 सीटों पर जीत हासिल की है.

पूर्वांचल में राजभर वोटर काफी अहम

आपको बता दें कि पूर्वांचल के कई जिलों में राजभर समुदाय का वोट राजनीतिक समीकरण बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखता है. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी राजभर का यूपी के पूर्वांचल क्षेत्र की राजनीति में दबदबा है. 2022 के चुनाव में जहां एक तरफ भाजपा पश्चिम से लेकर अवध तक मजबूत नजर आई. वहीं, पूर्वांचल के चार जिलों में भाजपा का खाता तक नहीं खुला. गाजीपुर, अम्बेडकरनगर, मऊ, बलिया, जौनपुर, आजमगढ़ में भाजपा को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ.

हालांकि, ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर ने कहा कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का भारतीय जनता पार्टी के साथ जाने की खबर निराधार है. पार्टी समाजवादी पार्टी के साथ थी है और रहेगी.