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अयोध्या केस पर फैसले के 19 दिन बाद केंद्र ने योगी सरकार को क्यों लिखी चिट्ठी, जानें यहां

9 नवंबर को देश की सर्वोच्च अदालत ने सालों से चले आ रहे अयोध्या विवाद को खत्म कर दिया. इस फैसले के 19 दिन बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को चिट्ठी लिखी थी.

Updated on: 11 Dec 2019, 09:05 AM

लखनऊ:

9 नवंबर को देश की सर्वोच्च अदालत ने सालों से चले आ रहे अयोध्या विवाद को खत्म कर दिया. इस फैसले के 19 दिन बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को चिट्ठी लिखी थी. केंद्र सरकार ने अयोध्या मामले (Ayodhya Case) पर फैसले के बाद स्थितियों पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए योगी सरकार की सराहना की है.

देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (AJit Doval) की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि फैसले के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने जिस तरीके से पूरे मामले को हैंडल किया है वह काबिले तारीफ है. उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेट्री आरके तिवारी (RK Tiwari) को अजीत डोभाल ने यह पत्र लिखा था. इस पत्र में यहां के पुलिस अधिकारियों और प्रशासन की ताफ की गई है.

आपको बता दें कि कई दशकों से चले आ रहे अयोध्या रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट की 5 जजो वाली बेंच ने अपना फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में माना कि बाबरी मस्जिद के नीचे पहले कोई ढांचा था. हालांकि वह राम मंदिर था या नहीं इसकी पुष्टि नहीं हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन को रामलला विराजमान का सौंपने का फैसला सुनाया. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी फैसला सुनाया कि मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही पांच एकड़ जमीन मस्जिद के लिए दी जाए.

रिव्यू पिटीशन दाखिल

अयोध्या मामले (Ayodhya Case) पर फैसला आने से पहले दोनों पक्षों ने कहा था कि जो भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा उसे माना जाएगा. लेकिन अब दोनों पक्षों ने रिव्यू पिटीशन दाखिल करने का मन बना लिया है. मुस्लिम पक्ष का कहना है कि जमीन मुस्लिमों की है इसलिए रिव्यू पिटीशन दाखिल की जा रही है. वहीं अब हिंदू पक्ष ने भी इस मामले में रिव्यू पिटीशन दाखिल करने का फैसला किया है. हिंदू पक्ष के वकील का कहना है कि हिंदुओं ने अपनी जमीन वास ली है. ऐसे में मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन देना गलत है.