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अब जापानी भी ले सकेंगे मलिहाबादी आम का स्वाद

किसानों के अनुसार आंशिक कोरोना कर्यू के चलते उन्हें अपने घर से निकल कर आम के बागों को कीटों से बचाने की ताकत मिली और वह आम की अच्छे उत्पादन के लिए अपने बागों में समय से दवाओं का छिड़काव कर फसल को बचा सके.

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Dhirendra Kumar
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Malihabadi Mango

Malihabadi Mango ( Photo Credit : IANS )

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कोरोना संकट के बीच एक टन मलिहाबादी आम की खेप इंग्लैंड पहुंचने के बाद जपान और न्यूजीलैंड से इसके आर्डर मिले हैं. जल्द ही जपानी मलिहाबादी आम का स्वाद ले सकेंगे. फिलहाल मलिहाबादी, दशहरी सहित राज्य के सभी 15 मैंगो बेल्ट से बड़े पैमाने पर आम विदेश भेजने की तैयारी की जा रही है. खाड़ी देशों के दुबई, सऊदी अरब, ओमान और कतर से दशहरी के अर्डर आम उत्पादक किसानों और कारोबारियों के पास आए हैं. संक्रमण से लोगों के जीवन और जीविका को बचाने के लिए मुख्यमंत्री योगी का आंशिक कोरोना कर्यू किसानों के लिए लाभकारी सिद्घ हो रहा है. लखनऊ से सटे मलिहाबाद, माल, रहीमाबाद और काकोरी इलाके आम उत्पादक सैकड़ों किसानों का तो यही मनाना है.

ऑर्डर मिलना शुरू हुए
इन किसानों के अनुसार आंशिक कोरोना कर्यू के चलते उन्हें अपने घर से निकल कर आम के बागों को कीटों से बचाने की ताकत मिली और वह आम की अच्छे उत्पादन के लिए अपने बागों में समय से दवाओं का छिड़काव कर फसल को बचा सके. तमाम दिक्कतों के बाद भी विदेशों से आम के आर्डर मिलना शुरू हो गए हैं. राज्य का उद्यान विभाग तथा राज्य मंडी परिषद के अधिकारी भी आम उत्पाद किसानों की मदद कर रहे हैं. राज्य का शानदार आम विदेशों में ज्यादा से ज्यादा भेजा जाए, इसके लिए वर्चुअल बायर-सेलर मीट का आयोजन किया जा रहा है. इसके जरिए बनारसी लंगड़ा आम, मलिहाबादी दशहरी और चौसा आम को विदेश भेजने के अर्डर प्राप्त किए जाएंगे. बीते साल प्रदेश की सभी 15 मैंगो बेल्ट से 3,515़ 494 मीट्रिक टन आम विदेशों में भेजा गया था. इस बार यह आंकड़ा बढ़ने की उम्मीद है.

राज्य में आम निर्यात की नोडल एजेंसी उत्तर प्रदेश राज्य उत्पादन मंडी परिषद के अधिकारियों के अनुसार, दुबई, ओमान, लंदन, जर्मनी, दोहा, यूके, नेपाल, ईटली और ईरान में मलिहाबाद के दशहरी के अलावा बनारसी लंगड़ा और चौसा आमों की भी खासी मांग है. मलिहाबादी, दशहरी के लिए यूरोपीय देशों जैसे जर्मनी और इंग्लैंड से अर्डर मिले हैं. मलिहाबाद और सहारनपुर के मैंगो पैक हाउस से इस समय आम के निर्यात की तैयारियां तेजी से चल रही है. उद्यान विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस बार आम का रिकार्ड उत्पादन होने की उम्मीद है। बीते साल 279़246 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में 4806़654 हजार मीट्रिक टन आम का उत्पादन हुआ था. इस बार इससे अधिक आम उत्पादन का आकलन किया गया है. कर्फ्यू के दौरान किसानों को मिली छूट से आम की अच्छे से देखभाल हो सकी है. इस कारण अब आम की देश और विदेश में यूपी के आम का मांग बढ़ती जा रही है. आने वाले दिनों में यह मान और बढ़ेगी, जिसे देखते हुए मलिहाबाद के मैंगो पैक हाउस से सक्रियता बढ़ा दी गई है. इस मैंगो पैक हाउस में दशहरी के अलावा प्रदेश के अन्य हिस्सों में पैदा होने वाला दूसरी वैरायटी का आम भी निर्यात की पैकिंग के लिए आता है.

इसके अलावा प्रदेश सरकार ने आम के कारोबार के लिए खासतौर पर यहां वातानुकूलित मंडी का निर्माण भी कराया है. यहां अब आम कारोबारियों की आमद बढ़ गई है. आम कारोबारियों को जापान, न्यूजीलैंड सहित कई देशों से मलिहाबादी दशहरी, बनारसी लंगड़ा और चौसा आमों के आर्डर मिले हैं. इसके अलावा दिल्ली, मुंबई, कर्नाटक सहित कई अन्य राज्यों से आर्डर मिले हैं, इन राज्यों में राज्य से हर साल 2500-2600 करोड़ रुपये का आम का कारोबार होता है. मंडी अजंनी निदेशक कुमार सिंह का कहना है कि मैंगों पैक हाउस से किसानों और निर्यतकों को हर प्रकार सुविधा मिल रही है. यहां से आम किसानों को अच्छी मदद मिल रही है. उम्मीद है कि अगले साल की अपेक्षा इस साल आम ज्यादा निर्यात होगा.

HIGHLIGHTS

  • दुबई, सऊदी अरब, ओमान, कतर से दशहरी के ऑर्डर आम उत्पादक किसानों और कारोबारियों के पास आए
  • सरकार ने आम के कारोबार के लिए खासतौर पर यहां वातानुकूलित मंडी का निर्माण भी कराया है
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