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IIT और IIM करेगा अस्पतालों में ऑक्सीजन का ऑडिट

राज्य में ऑक्सीजन का सही ढंग से उपयोग हो, इसकी बर्बादी न हो इसके लिए सरकार ने ऑक्सीजन ऑडिट कराने का निर्णय लिया है.

Updated on: 26 Apr 2021, 12:54 PM

highlights

  • ऑक्सीजन की मांग-पूर्ति पर अब IIM, IIT की निगाह
  • ये ऑक्सीजन की मॉनीटरिंग और ऑडिट का काम संभालेंगे
  • अधिक ऑक्सीजन खर्च करने पर होगा जवाब तलब 

लखनऊ:

यूपी के सभी जिलों के सरकारी और निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन (Oxygen) की मांग और पूर्ति पर अब आईआईएम, आईआईटी की सीधी निगाह रहेगी. राज्य में ऑक्सीजन का सही ढंग से उपयोग हो, इसकी बर्बादी न हो इसके लिए सरकार ने ऑक्सीजन ऑडिट कराने का निर्णय लिया है. इस काम की जिम्मेदारी आईआईटी कानपुर, आईआईएम लखनऊ और आईआईटी बीएचयू के दिग्गजों को सौंपी गई है, जो ऑक्सीजन की मॉनीटरिंग और ऑडिट का काम संभालेंगे. साथ में एकेटीयू, एचबीटीयू कानपुर और एमएमटीयू, गोरखपुर और एमएनआईटी, प्रयागराज के दिग्गज भी उनके साथ शामिल रहेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने ऑक्सीजन ऑडिट को लेकर आईआईएम और आईआईटी के दिग्गजों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की है.

सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेश के अंदर कोरोना संक्रमण के दौरान उत्पन्न हुई ऑक्सीजन की समस्या से निपटने के लिए 'ऑक्सीजन मॉनिटरिंग सिस्टम फॉर यूपी' नामक डिजिटल प्लेटफार्म शुरुआत की गई है. इसके जरिए प्रदेश में ऑक्सीजन की मांग और पूर्ति पर निगाह रखी जाएगी. इसके जरिए ट्रकों की भी रीयल टाइम मॉनिटरिंग हो रही है. इस तकनीक का उपयोग कर राज्य में ऑक्सीजन की कालाबाजारी को रोकने में बड़ी मदद मिलेगी. इसके अलावा सरकारी और निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की मांग और पूर्ति में पारदर्शिता लाने, जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति भी प्राथमिकता के आधार पर कराने में भी सहूलियत होगी.

प्रदेश सरकार की इस नई तकनीक पर देश के दूसरे राज्यों ने भी अपनी रुचि दिखाई है. इससे कोरोना संक्रमण के दौरान उत्पन्न हुई ऑक्सीजन की समस्या से निपटा जा सकेगा. साथ ही ऑक्सीजन के इस्तेमाल में भी पारदर्शिता आएगी. प्रदेश सरकार द्वारा ऑक्सीजन ऑडिट के जरिए ऑक्सीजन के बेवजह खर्च पर रोक लगाई जा सकेगी. आईआईएम, आईआईटी के दिग्गज सरकार और निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन के इस्तेमाल और उनकी मांग पर भी निगाह रखेंगे. अब अस्पताल मरीजों के हिसाब से ही ऑक्सीजन खर्च कर सकेंगे. अधिक ऑक्सीजन खर्च करने पर उनसे जवाब तलब भी किया जाएगा. ऑक्सीजन ऑडिट के जरिए अस्पतालों में ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति पर लगातार निगरानी रखी जा सकेगी.