उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में सांसद व विधायक आदि जनप्रतिनिधियों के मामलों का निस्तारण करते हुए जिला एवं सत्र न्यायालय (एकादश) ने बलदेव क्षेत्र के विधायक पूरन प्रकाश के खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम एवं भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत दर्ज किए गए पांच मामलों में लगातार अनुपस्थित रहने के चलते शुक्रवार को गैर जमानती वारंट जारी करने के आदेश दिए. अदालत ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख सात दिसंबर को उन्हें पेश करने के आदेश किए. ये मामले इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थापित की गई सांसद/विधायक आदि जनप्रतिनिधियों से संबंधित विशेष अदालत द्वारा मथुरा की उपरोक्त अदालत को स्थानांतरित किए गए थे.
एक मामले में वर्ष 2007 में सम्पन्न विधानसभा चुनाव में प्रकाश और श्याम सिंह अहेरिया क्रमश: रालोद और समाजवादी पार्टी की तरफ से प्रत्याशी थे. दोनों ही आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोपी थे. उपरोक्त न्यायालय के सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ऊधम सिंह ने बताया, "बलदेव के मौजूदा विधायक पूरन प्रकाश के विरुद्ध वर्ष 2017 में बलदेव विधान सभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रहते थाना राया व बलदेव क्षेत्र में लोक प्रतिनिधित्व कानून एवं भारतीय दण्ड संहिता की धारा 171 के विभिन्न उपबंधों के तहत चार मुकदमे दर्ज किए गए थे जबकि उनके खिलाफ थाना गोवर्धन में वर्ष 2007 में राष्ट्रीय लोकदल प्रत्याशी रहते एक मुकदमा पहले से चल रहा था."
उन्होंने बताया कि इनमें से 2007 के विस चुनाव में आचार संहिता उल्लंघन में दर्ज एक मामले में राया थाना क्षेत्र में पूरन प्रकाश के साथ पूर्व सांसद एवं तत्कालीन भाजपा जिलाध्यक्ष चौ. तेजवीर सिंह, एक अन्य पूर्व विधायक सत्यवीर सिंह सहित पार्टी के कुल आठ नेता शामिल थे. ये सभी एक बाजार परिसर के भीतर चुनावी सभा संबोधित कर रहे थे. इस मामले में विधायक का पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका.
Source : Bhasha