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एसएसपी वैभव कृष्ण।( Photo Credit : फाइल फोटो)
भ्रष्टाचार और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई को लेकर चर्चा में रहने वाले नोएडा के एसएसपी वैभव कृण का आपत्तिजनक वीडियो वायरल हुआ है. एसएसपी ने बुधवार की रात को एक प्रेस कान्फ्रेंस करके सेक्टर 27 स्थित कैंप ऑफिस में उन्होंने अपना पक्ष रखा. एसएसपी ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ करीब एक महीने पहले भेजी गई रिपोर्ट के कारण ऐसा किया गया है. कुछ लोगों ने इमेज खराब करने की नियत से ऐसा किया है.
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उन्होंने कहा कि इस बारे में सेक्टर 20 थाने में केस दर्ज करवाया गया है. लोगों को वीडियो फॉरवर्ड करने की हिदायत दी गई है. बताया जा रहा है कि जिले में 3 वीडियो वायरल हो रहे हैं. जिसमें एक लड़की की आवाज आ रही है. ऑडियो टेप अश्लीलता से भरा है. वहीं दूसरी तरफ कथित तौर पर एसएसपी वैभव कृष्ण के होने की बात कही जा रही है. तीसरे वीडियो में केवल SSP की फोटो लगी है.
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रात करीब साढ़े 8 बजे हुई प्रेस कान्फ्रेंस में SSP ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ को उन्होंने जिले में भ्रष्टाचार से जुड़ी हुई कुछ फाइलें भेजी थीं. कई संवेदनशील मामलों में यह फाइल करीब एक महीने पहले भेजी गई थी. रिपोर्ट में जनपद के कई उच्च अधिकारियों, कथित पत्रकारों और अन्य लोगों का नाम है. पिछले दिनों एक्सटॉर्शन करने वालों पर हुई कार्रवाई में कई बड़े नेताओं के जुड़े होने की बात सामने आई थी. अब फर्जी ऑडियो वायरल करके मेरी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है.
SSP ने बताया कि कथित वीडियो की जांच कराने के लिए IG रेंज मेरठ से अपील की गई है. आडियो फर्जी है ऐसे में इसे वायरल करने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी.
DGP ने कही ये बात
इस मामले में डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि एसएसपी वैभव कृष्ण की बात सही है. उन्होंने कुछ गंभीर मामलों की रिपोर्ट भेजी थी. कथित वीडियो को वायरल करने वालों पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा. इन मुकदमों की जांच एसपी हापुड़ को सौंपी जा रही है और वही इसकी जांच करेंगे. इसे साथ ही इस मामले में एसटीएफ से भी जांच कराई जा रही है.
इन मामलों में भेजी थी फाइल
- थाने में घूसकांड का खुलासा : एसएसपी ने ऑपरेशन ट्रैप के तहत 30 जनवरी की देर रात सेक्टर 20 थाना के तत्कालीन SHO मनोज पंत व तीन अन्य पत्रकार सुशील, रमन ठाकुर व उदित गोयल को रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया था. इनके पास से रिश्वत के आठ लाख रुपये, छह मोबाइल, मर्सिडीज कार, फैक्ट्री मेड पिस्टल बरामद किया गया था. इस मामले में आरोप था कि एक मामले से नाम हटाने के लिए इन लोगों ने रिश्वत ली थी.
- होमगार्ड हाजिरी घोटाला : SSP ने नवंबर 2019 में जिले में होमगार्ड घोटाले का खुलासा किया था. इस मामले में आरोप था कि होमगार्ड विभाग के अधिकारी व कर्मचारी फर्जी हाजिरी लगाकर वेतन ले रहे हैं. इस खुलासे के बाद जिले के होमगार्ड ऑफिस में आगजनी हुई थी.
- दमकल रिश्वतकांड : SSP ने दमकल विभाग में एनओसी जारी करने के नाम पर रिश्वत लेने का खुलासा किया था. 22 सितंबर को इस मामले में 13 दमकल कर्मियों के खिलाफ सेक्टर 20 थाने में सात मुकदमें दर्ज करवाए गए थे.
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