स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 में नोएडा को फाइव स्टार रैकिंग
इससे पहले वर्ष 2020 में नोएडा को 25वां स्थान मिला था, जबकि वर्ष 2019 में 150वां स्थान और वर्ष 2018 में नोएडा को 324वीं रैंकिंग से संतोष करना पड़ा था.
highlights
- नोएडा को गार्बेज फ्री सिटी यानी कूड़ा मुक्त शहर की श्रेणी में फाइव स्टार रैकिंग
- प्राधिकरण की सीईओ रितु महेश्वरी दिल्ली में क्लीनेस मीडियम सिटी अवार्ड से सम्मानित
- केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दिया अवार्ड
नई दिल्ली:
स्वच्छता भारत अभियान के स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 (Swachh Survey-2021) में नोएडा को गार्बेज फ्री सिटी (Garbage Free City Noida) यानी कूड़ा मुक्त शहर की श्रेणी में फाइव स्टार रैकिंग मिली है. नोएडा की रैंकिंग में इस बार जबरदस्त उछाल आया है.नोएडा को स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में 10 लाख की कम आबादी वाले शहरों में 4th रैक प्राप्त हुई है. 4320 शहरों में से नोएडा को यह स्थान प्राप्त हुआ है. इससे पहले वर्ष 2020 में नोएडा को 25वां स्थान मिला था, जबकि वर्ष 2019 में 150वां स्थान और वर्ष 2018 में नोएडा को 324वीं रैंकिंग से संतोष करना पड़ा था. अगर प्रदेश के स्तर पर देखा जाये तो स्वछता सर्वेक्षण में नोएडा यूपी में नम्बर 1 की रैकिंग पर बना हुआ है.
इस सर्वेक्षण में शामिल 10 लाख से कम आबादी वाले सबसे साफ शहरों की श्रेणी में भी नोएडा को अवार्ड मिला है. केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु महेश्वरी को दिल्ली में क्लीनेस मीडियम सिटी अवार्ड से सम्मानित किया है. इस मौके पर असिस्टेंट सीईओ प्रवीण मिश्र, ओएसडी अविनाश त्रिपाठी, ओएसडी इंदु प्रकाश सिंह और एससी मिश्रा मौजूद रहे.
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नोएडा को स्वच्छ बनने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. जिसमें डोर टू डोर कूड़ा उठाना, वाल पेंटिंग से गंदे स्थानों को स्वच्छ बनाने, 250 से अधिक कूड़ा स्थलों का सौन्दर्यकरण किया गया, सेनिटेशन के कार्यो की लगातार समीक्षा की गई , NGO के साथ मिलकर प्राधिकरण ने सिंगल यूज पोलोथिन को रोकने के लिए अभियान चलाया गया. थैला बैंक स्थापित किये गए.
नोएडा में 300 शौचालय बनाये गए. महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट बनाये गए साथ ही ट्रांसजेंडर्स के लिए भी टॉयलेट की व्यवस्था की गई है. नोएडा में वॉल पेंटिंग की गई है ताकि लोग दीवारों को गंदा न कर सके. नोएडा की दीवारों पर देश की संस्कृति को दर्शाया गया है. नोएडा को स्वच्छ बनने के लिए कूड़ा घरों को खत्म कर उनकी जगह पार्क स्थापित किये गए और डोर टू डोर कूड़ा क्लेशन के लिए गाड़िया और स्टाफ नियुक्त किये गए, ताकि लोग खुले में कूड़ा न डालें.
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