logo-image

Supreme Court से रितु माहेश्वरी को झटका, अंतरिम राहत से इंकार

सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अक्सर इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन होता है. यह दिनचर्या हो गई है, हर रोज़ एक अधिकारी कोर्ट आ जाता है, यह क्या है?

Updated on: 09 May 2022, 01:02 PM

highlights

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जारी किया है गैर जमानती वारंट
  • अंतरिम राहत के लिए रितु माहेश्वरी पहुंची थी सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली:

नोएडा की पूर्व सीईओ चीफ रितु माहेश्वरी को गैर ज़मानती वारंट मामले में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत नहीं मिली है. रितु माहेश्वरी को सुप्रीम कोर्ट ने झटका देते हुए अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया है. गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रितु माहेश्वरी के खिलाफ अवमानना मामले में पेश नहीं होने पर गैर ज़मानती वारंट जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आप हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करते तो आपको इसका नतीजा झेलना होगा.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जारी किया था गैरजमानती वारंट
सुप्रीम कोर्ट से रितु माहेश्वरी के वकील ने मामले में जल्द सुनवाई की मांग करते हुए अंतरिम राहत की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा आप आईएएस अधिकारी हैं आपको नियम पता है. सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अक्सर इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन होता है. यह दिनचर्या हो गई है, हर रोज़ एक अधिकारी कोर्ट आ जाता है, यह क्या है? आप अदालत के आदेश का सम्मान नहीं करते!

यह था मामला
नोएडा के सेक्टर-82 में अथॉरिटी ने 30 नवंबर 1989 और 16 जून 1990 को 'अर्जेंसी क्लॉज' के तहत भूमि अधिग्रहण किया था. जिसे जमीन की मालकिन मनोरमा कुच्छल ने चुनौती दी थी. वर्ष 1990 में दायर मनोरमा की याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 19 दिसंबर 2016 को फैसला सुनाया था. हाईकोर्ट ने 'अर्जेंसी क्लॉज' के तहत किए गए भूमि अधिग्रहण को रद्द कर दिया था. मनोरमा को नए भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत सर्किल रेट से दोगुनी दरों पर मुआवजा देने का आदेश दिया था. इसके अलावा प्रत्येक याचिका पर 5-5 लाख रुपये का खर्च आंकते हुए भरपाई करने का आदेश प्राधिकरण को सुनाया था.