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नोएडा प्राधिकरण (फाइल फोटो)
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नोएडा प्राधिकरण (फाइल फोटो)
नोएडा प्राधिकरण और आबंटियों के बीच चल रहे लंबे समय से विवाद पर नोएडा शहर के आवासीय भूखंड फ्री होल्ड करने के प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद भी सरकार इस पर निर्णय नहीं ले पायी है. कुछ दिन पूहले ही नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड ने बैठक में इस प्रस्ताव में मुहर लगा दी थी. नोएडा प्राधिकरण ने यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा था लेकिन 10 दिन बीतने के बाद भी इस पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
नोएडा प्राधिकरण की 195वीं बोर्ड बैठक में ये निर्णय लिया गया कि आवासीय भूखंड की संपत्ति को लीज होल्ड से फ्री होल्ड करने का निर्णय सरकार के स्तर पर रखा जाएगा. इस पर बोर्ड ने सैद्धांतिक सहमति भी दे दी. जिसके बाद नोएडा प्राधिकरण ने इस प्रस्ताव को शासन को भेज दिया गया था.
अधिकारियों के मुताबिक, फ्री होल्ड करने पर लोगों से इसका एकमुश्त शुल्क लिया जाएगा. यह संपत्ति की कीमत का करीब 2 प्रतिशत होगा. इसके जरिए प्राधिकरण को करीब एक हजार करोड़ रुपये मिलेंगे.
नोएडा के कई संगठन काफी समय से शहर की संपत्ति को फ्री होल्ड करने की मांग करते आ रहे थे. काफी समय बाद आखिरकार नोएडा प्राधिकरण ने अपने स्तर से इस मुद्दे पर सहमति जताते हुए प्रस्ताव लखनऊ भेज दिया था. लेकिन अब मामला लखनऊ की फाइलों में बंद हो गया है.
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इस मामले पर उत्तर प्रदेश के उद्योग मंत्री सतीश महाना हों या फिर विभागीय उच्चाधिकारी हर कोई बस यही कह रहा है कि जनहित में जो भी फैसला होगा वो जल्द लिया जाएगा.
ये हैं नियम...
> लोगों को फ्लैट की रजिस्ट्री कराने के लिए एक साल का वक्त मिलेगा. इसके बाद रजिस्ट्री न कराने पर खरीदारों से जुर्माना लिया जाएगा. यह फैसला बोर्ड बैठक में लिया गया.
> फैसले के अनुसार, रजिस्ट्री न कराने पर आवंटन के 12 महीने बाद 100 मीटर तक के भवन पर 50 रुपये रोजाना, 100 मीटर से बड़े भवन पर 100 रुपये रोजाना के हिसाब से जुर्माना लिया जाएगा.
> वाणिज्यिक और अन्य उपयोग के लिए बिना रजिस्ट्री के भवन उपयोग करने पर 100 रुपये रोजाना के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा.
> अभी बिल्डर को कंप्लीशन जारी करते समय रजिस्ट्री कराने वाले खरीददारों की सूची देने के लिए तीन महीने का समय दिया जाता है. इसके बाद संबंधित खरीदारों को रजिस्ट्री कराने के लिए एक साल का समय दिया जाएगा.
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> अभी तक रजिस्ट्री नहीं कराने वाले खरीदारों पर जुर्माने या समय-सीमा का कोई प्रावधान नहीं था. बिल्डरों की लापरवाही के काफी संख्या में खरीदार तीन साल तक से बिना रजिस्ट्री के रह रहे हैं.
> विभिन्न सेक्टर और गांव में बने बारातघरों में शादी आदि कार्यक्रम के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल पाती है. इसे देखते हुए सेक्टर-151 ए में आयोजन के लिए भूखंड विकसित करने का निर्णय लिया गया.
Source : News Nation Bureau