थाना सेक्टर-58 नोएडा पुलिस ने वांछित आरोपी मयंक अग्रवाल को कानपुर से गिरफ्तार किया है. मयंक ने अपने साथियों के साथ मिलकर बायर्स को ऑफिस, वर्चुअल स्पेस और दुकानों के नाम पर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की. इसके बाद फरार हो गया. पुलिस इसके बाकी साथियों की तलाश कर रही है. मयंक ने बताया 2014 में प्रोपलेरिटी ग्रुप आफ कंपनीज व एचएसएल साफ्टवेयर प्रालि से जुड़े सतेन्द्र सिंह तोमर, अतुल विक्रम सिंह, संदीप कौशिक, संजय जैन, सौरभ कुमार पांडेय, अवनिंदर, शशिकान्त चौरासिया, विनीता चौरासिया के साथ मिलकर ग्राहकों के साथ ऑफिस, वर्चुअल स्पेस, दुकानों के नाम पर धोखाधड़ी कर करोड़ों का धन अर्जित किया गया.
इन लोगों ने योजना निकाली. इसके बाद बुकिंग शुरू की. प्रोजेक्ट की जमीन पर कंस्ट्रक्शन के लिए करोड़ों रुपए बायर्स से लिया. जिस जमीन पर प्रोजेक्ट बनाया जाना था उसका आवंटन एचएसएल कंपनी के नाम पर नोएडा प्राधिकरण ने किया था. ग्राहकों से करोड़ों रुपए के निवेश को देखकर ये कंपनी में डायरेक्टर बन गया.
2014-2015 के बीच इनके साथियों ने पुष्पा मिश्रा व उसके पुत्र ऋषि प्रसाद मिश्रा से करीब 49 लाख रुपए को बाई बैक स्कीम का लालच देकर ले लिया. ग्राहकों से लिए गए करोड़ों रुपए के बंटवारा को लेकर इनके कंपनी के बीच विवाद हो गया. जिससे कंपनी का कंस्ट्रक्शन का सारा काम रुक गया.
बायर्स की शिकायत आने पर मयंक नोएडा से कानपुर लौट गया. साथ ही सतेन्द्र तोमर भी कहीं भाग गया है. संजय जैन भी दिल्ली की प्रॉपर्टी बेचकर गुरुग्राम में कहीं रहने लगा है. जिसकी जांच की जा रही है. यही नहीं इन लोगों ने बायर्स के पैसे तक नहीं लौटाए.
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Source : IANS