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WHO के बाद नीति आयोग ने भी योगी के कोरोना प्रबंधन को सराहा

कोविड प्रबंधन को लेकर यूपी के योगी मॉडल को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के बाद नीति आयोग ने भी सराहा.

Updated on: 15 May 2021, 09:33 AM

लखनऊ:

कोविड प्रबंधन को लेकर यूपी के योगी मॉडल को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के बाद नीति आयोग ने भी सराहा. आयोग ने कोरोना के अभूतपूर्व संकट के दौरान देश की सबसे बड़ी आबादी वाले उत्तर प्रदेश में हर जरूरतमंद तक शीघ्र ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए ऑक्सीजन के आपूर्ति की मॉनिटरिंग और रीयल टाइम प्रबंधन का जो सिस्टम विकसित किया, उसकी ट्वीट कर तारीफ की. अब तो केंद्र और कई राज्य भी अपने वहां इस सिस्टम को लागू कर रहे हैं. मालूम हो कि इसी प्रबंधन के बूते बहुत कम समय में राज्य सरकार 250 मिट्रिक टन ऑक्सीजन आपूर्ति को 1000 एमटी तक ले जाने में सफल रही. यह किसी भी राज्य के आपूर्ति का सर्वाधिक है. इसके पहले डब्लूएचओ ने भी ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना प्रबंधन के लिए योगी सरकार की तारीफ की थी.

डब्लूएचओ या नीति आयोग जैसी दुनिया और देश की शीर्ष संस्थाएं यूं ही नहीं किसी देश या प्रदेश की तारीफ कर देती हैं. तारीफ करने से पहले भी इस बात की गहन परख की जाती है कि संबधित विषय के प्रबंधन के लिए संबधित सरकार ने क्या योजना बनाई, उसका क्रियान्वयन कैसे किया, क्रियान्वयन के नतीजे क्या आए. इसके बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचकर सार्वजनिक बयान आता है.

कोविड प्रबंधन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दूसरी बार योगी सरकार की सराहना की है. डब्लूएचओ की तरफ से ट्विटर पर की गई सकारात्मक टिप्पणी के बाद दुनियाभर से लोग योगी आदित्यनाथ के कोरोना प्रबंधन को सराहा था. कोरोना के पहली लहर में भी डब्लूएचओ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के फार्मूले को अन्य राज्यों के लिए नजीर बताया था, तो सेकंड वेव में कोरोना को काबू में करने के लिए उनके ट्रिपल टी (ट्रेस, टेस्ट व ट्रीट) की रणनीति की तारीफ की है.

उत्तर प्रदेश में भी अचानक संक्रमण की रफ्तार कई गुना बढ़ गई. 24 अप्रैल को तो 24 घंटे में सर्वाधिक 38055 लोगों के संक्रमण का रिकॉर्ड बना. कोरोना से लड़ने के लिए जमीनी तैयारियों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री योगी उस दौरान खुद भी संक्रमित हो गए. उस समय कुछ लोगों ने आने वाले समय में यह संख्या एक लाख तक पहुंचने का पूवार्नुमान लगाया था. इसके बावजूद मुख्यमंत्री का कोविड से मुकाबले में डटे रहे.

वह रोज वर्चुअल मोड से सक्रिय रहकर जनता को कोरोना से बचाने की जिम्मेदारी पूरी करते रहे. सेकंड वेव में संक्रमण की रफ्तार तेज होने के चलते उन्होंने टीम-11 की जगह टीम-9 का गठन कर अधिकारों व जवाबदेही का विकेंद्रीकरण कर दिया. रोज हर बिंदु की समीक्षा का उनका पूर्ववत रूटीन भी जारी रहा. इन्ही कारणों से प्रदेश में काफी हद तक कोरोना काबू में दिख रहा है.