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पश्चिमी यूपी को केंद्र से मिल सकता है ये बड़ा तोहफा, दशकों पुरानी मांग होगी पूरी 

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बैंच की मांग दशकों पुरानी है. इसे लेकर कई बार आंदोलन भी किया जा चुका है. कई बार इस मांग को आगे बढ़ाया गया लेकिन हर बार किसी ना किसी स्तर पर इसे रोक दिया गया. अब एक बार फिर हाईकोर्ट बैंच को लेकर उम्मीद जगी है.

Updated on: 22 Nov 2021, 05:06 PM

लखनऊ:

तीन नए कृषि कानूनों की वापसी के साथ ही बीजेपी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चुनावी समर के लिए बिगुल फूंक दिया है. कृषि कानूनों की वापसी के साथ बीजेपी की उम्मीद बढ़ गई है. यहां करीब 60 ऐसी सीटें हैं जिन पर जाट बिरादरी का प्रभाव है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश को साधने के लिए केंद्र सरकार यहां इलाहाबाद हाई कोर्ट की बेंच की सौगात दे सकती है. इस बात के संकेत खुद कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को आगरा में एक कार्यक्रम के दौरान यह संकेत दिए. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि विधि मंत्रालय के पास न्यायमूर्ति जसवंत सिंह आयोग की रिपोर्ट मौजूद है और केंद्र सरकार इस पर विचार कर रही है. रिजिजू ने कहा कि अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो इलाहाबाद उच्च न्यायालय की आगरा खंडपीठ की स्थापना को जल्द मंजूरी मिल जाएगी. 

दशकों पुरानी है मांग
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बैंच की मांग दशकों पुरानी है. इसे लेकर कई बार आंदोलन भी किया जा चुका है. कई बार इस मांग को आगे बढ़ाया गया लेकिन हर बार किसी ना किसी स्तर पर इसे रोक दिया गया. अब एक बार फिर हाईकोर्ट बैंच को लेकर उम्मीद जगी है. यही नहीं कानून मंत्रालय ने हाई कोर्ट की बेंच की स्थापना को लेकर लड़ रही न्यायालय स्थापना संघर्ष समिति को वार्ता के लिए दिल्ली भी आमंत्रित किया है. रिजिजू ने कहा कि केंद्रीय विधि राज्य मंत्री और स्थानीय सांसद एस. पी. सिंह बघेल से भी चर्चा हुई है. बघेल ने कहा कि आगरा उनका संसदीय क्षेत्र है. प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए आगरा में उच्च न्यायालय की खंडपीठ की स्थापना किया जाना व्यावहारिक रूप से उचित है. यदि केंद्र सरकार की ओर से हाई कोर्ट की वेस्ट यूपी में बेंच को मंजूरी मिलती है तो इससे पूरे इलाके को साधने में मदद मिलेगी. दशकों से पश्चिम उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट की अलग बेंच की मांग उठती रही है. खासतौर पर चुनावों के दौर में यह मांग तेज होती रही है.

किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में थोड़ी असहज थी. किसान आंदोलन की वापसी के बाद बीजेपी की चुनाव राह आसान हुई है. प्रधानमंत्री 25 नवंबर को पश्चिमी उत्तर प्रदेश को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सौगात देंगे. वहीं बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का भी जल्द उद्घाटन किया जाना है. इससे पहले पिछले एक महीने में ही पीएम मोदी उत्तर प्रदेश को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और कुशीनगर एयरपोर्ट की सौगात दे चुके हैं. ऐसे में अब हाई कोर्ट बेंच की मांग पूरा होना एक और अहम कदम होगा.