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अनोखी पहल: अगर चाहिए जमानत तो लगाने होंगे 5 पौधे, करनी होगी 6 महीने तक देखभाल

पौधरोपण करने और उनके संरक्षण करने की शर्त पर ही जमानत दी जा रही है और इस अभियान से एक पखवाड़े में करीब पांच सौ पौधे रोपे जा चुके हैं.

Updated on: 30 Aug 2019, 08:22 AM

बांदा:

उत्तर प्रदेश में बांदा जिले की नरैनी उपजिला मजिस्ट्रेट ने पौधरोपण कराने की अनोखी पहल 'हरियाली दंड' शुरू किया है. इसके अंतर्गत पौधरोपण करने और उनके संरक्षण करने की शर्त पर ही जमानत दी जा रही है और इस अभियान से एक पखवाड़े में करीब पांच सौ पौधे रोपे जा चुके हैं. पौधरोपण की अनोखी पहल शुरू करने वाली नरैनी की उपजिला मजिस्ट्रेट वंदिता श्रीवास्तव ने गुरुवार को बताया कि पुलिस थानों से शांतिभंग के मामलों में सीआरपीसी की धारा-107/116/151 के तहत आने वाली चालानी फर्द में आरोपी बनाए गए व्यक्तियों को अपने गांव या सुविधानुसार कहीं भी पांच पौधे रोपित कर उनकी छह माह तक रखवाली करने की शर्त पर तत्काल जमानत देने का 'हरियाली दंड' शुरू किया गया है. इसे कानूनी प्राविधान में कोई छेड़छाड़ किए बिना एक सामाजिक मुहिम से जोड़ा गया है. इस अभियान से पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता फैली है.

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उन्होंने बताया कि एक पखवाड़े में करीब पांच सौ पौधों का रोपण किया जा चुका है. सबूत के तौर पर अगली तारीख की पेशी में आरोपी पौधे के साथ अपनी सेल्फी (फोटो) संबंधित पत्रावली में संलग्न कर रहे हैं. यह पूछे जाने पर कि यदि आरोपी पौध रोपित करने की हामी नहीं भरता तो क्या उसे जमानत नहीं मिलेगी? जवाब में उपजिला मजिस्ट्रेट वंदिता ने कहा कि ऐसा नहीं, यह कोई कानूनी बाध्यता नहीं है, लेकिन उन्हें पौध लगाने के फायदा समझाकर राजी कर लिया जाता है. 

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कुछ आरोपी ऐसे भी आए, जिन्होंने बताया कि उनके पास पौधरोपण के लिए खुद की जमीन नहीं है. ऐसे लोगों से सार्वजनिक भूमि जैसे विद्यालय, तालाब के भीटे या फिर ग्राम समाज की जमीन में पौधरोपण के लिए प्रेरित किया जा रहा है. उपजिला मजिस्ट्रेट की इस पहल की सराहना जिलाधिकारी ने भी की है. जिलाधिकारी हीरालाल ने बताया कि सभी उपजिला मजिस्ट्रेटों को एक परिपत्र जारी कर ऐसी पहल करने को कहा गया है, ताकि जिले में लक्ष्य से अधिक पौधरोपण हो सके.

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