मुस्लिम महिला ने मदद के बदले में हिंदू डीसीपी के नाम पर रखा बेटे का नाम

महिला उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के बरेली शहर में थी, जबकि पति गौतमबुद्ध नगर जिले की सीमा में लॉकडाउन में फंसा हुआ था.

महिला उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के बरेली शहर में थी, जबकि पति गौतमबुद्ध नगर जिले की सीमा में लॉकडाउन में फंसा हुआ था.

author-image
Dalchand Kumar
New Update
प्रतीकात्मक फोटो

मुस्लिम महिला ने मदद के बदले हिंदू डीसीपी के नाम पर रखा बेटे का नाम( Photo Credit : फाइल फोटो)

कोरोना वायरस (Corona Virus) को लेकर मची महामारी के बीच कई अजीब-ओ-गरीब वाकये भी सामने आ रहे हैं. ऐसा ही एक वाकया दो दिन पहले दिल्ली से सटे नोएडा (Noida) इलाके में सामने आया. यहां एक गर्भवती महिला को तत्काल मदद चाहिए थी. आनन-फानन में एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह ने मदद देकर महिला को उसके पति से मिलवाया. इस मिलाई के बीच फासला था करीब 250 किलोमीटर का. महिला उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के बरेली शहर में थी, जबकि पति गौतमबुद्ध नगर जिले की सीमा में लॉकडाउन में फंसा हुआ था.

Advertisment

यह भी पढ़ें: कोरोना को लेकर चाहिए कोई मदद तो इन नंबर को कर ले नोट, सरकार ने सभी राज्यों के लिए जारी किए हेल्पलाइन नंबर

जैसे ही पति-पत्नी की यह परेशानी एडिशनल डीसीपी रण विजय सिंह को पता चली, उन्होंने पति को तुरंत गर्भवती महिला तक पहुंचाने का इंतजाम किया. करीब 250 किलोमीटर दूर से पुलिस की मदद से घर पहुंचे पति को देखकर महिला की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. पति के घर पहुंचने के बाद ही महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी. नोएडा पुलिस की मदद से महिला का पति अगर वक्त रहते पीड़िता के करीब न पहुंच गया होता, तो शायद 'लॉकडाउन' के चलते महिला किसी बड़ी मुसीबत में फंस चुकी होती.

तबीयत खराब होने पर पति ने तुरंत ही महिला को अस्पताल में दाखिल कराया. दाखिल होने के कुछ ही देर बाद महिला ने शिशु को जन्म दिया. फिलहाल महिला और उसका नवजात दोनो ही स्वस्थ्य हैं. खाकी वर्दी में मानवता की अविस्मरणीय चेहरे की यहां तक तो एक बानगी भर थी, इस तस्वीर को दूसरा पन्ना इसके बाद पलटा गया.

यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस के कहर के बीच इस अनोखे बैंक की नींव पड़ी, गरीबों के लिए वरदान से कम नहीं

पीड़ित परिवार ने बताया, 'जच्चा-बच्चा दोनो स्वस्थ हैं. अगर नोएडा पुलिस अफसर रणविजय सिंह ने मदद न की होती तो हमारा परिवार बेहद मुश्किलात में फंस सकता था. हमने सोचा कि, यह अहसान हम कैसे भी नोएडा पुलिस का नहीं उतार सकते. सो हमने बच्चे का नाम ही नोएडा पुलिस के अफसर रण विजय सिंह के नाम पर रख दिया है. बेटे का हम लोगों ने नाम रणविजय सिंह खान रखा है. यह नाम और हमारी लॉकडाउन के दौरान की मुसीबतों-मदद की हमेशा याद दिलाता रहेगा.'

लॉकडाउन के दौरान बेशक परेशानी बेशुमार क्यों न हो रही हो, मगर पुलिस का जहां तक बन पड़ रहा है वो बेहद चौकन्नी होकर मैदान में डटी है. इसी तरह के एक और उदाहरण नोएडा पुलिस ने पेश किया. शुक्रवार रात नोएडा में एक श्रमिक समूह में अफवाह फैल गयी कि, सिटी सेंटर से कुछ बसें बरेली की ओर जा रही हैं. लिहाजा मौके पर बेतहाशा भीड़ पहुंच गयी. इसी भीड़ में भंगेल में हाल-फिलहाल रहने वाली एक गर्भवती महिला भी परिवार के साथ शामिल थी.

यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय कहा- दुनिया में किसी भी वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल नहीं हुआ

सिटी सेंटर पर पहुंचने पर पता लगा कि कोई बस बरेली नहीं जा रही है. इसी बीच गर्भवती महिला और भीड़ में फंसी एक युवती को परेशानी होने लगी. बात तुरंत एक स्थानीय नेता तक पहुंची. उन्होंने नोएडा विधायक और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह के कार्यालय को मामले की जानकारी दी. विधायक कार्यालय से फोन पर मिली सूचना पर इलाकाई पुलिस तुरंत सिटी सेंटर पहुंची, तब पुलिस ने गर्भवती महिला को और उसके साथ फंसी युवती को पुलिस वाहन से भंगेल भिजवाने का इंतजाम किया.

यह वीडियो देखें: 

Uttar Pradesh lockdown Noida Police Noida
      
Advertisment