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योगी के मंत्री ने कहा- मुस्लिमों को मथुरा में 'सफेद भवन' हिंदुओं को सौंप देना चाहिए

योगी आदित्यनाथ सरकार में राज्य मंत्री शुक्ला ने सोमवार शाम संवाददाताओं से कहा, “एक समय आएगा जब मथुरा में हर हिंदू को आहत करने वाले सफेद ढांचे को अदालत की मदद से हटा दिया जाएगा.

Updated on: 07 Dec 2021, 04:45 PM

highlights

  • 6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों ने रामलला पर धब्बा हटा दिया था
  • मुसलमानों ने 200-250 साल पहले इस्लाम धर्म अपनाया 
  • मुसलमानों को यह मानना ​​होगा कि राम और कृष्ण उनके पूर्वज थे

मथुरा:

मथुरा में स्थित कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह इस समय सुर्खियों में है. इस मुद्दे पर रोज कोई न कोई बयान देकर मामले को गरमाने की कोशिश करता रहता है. उत्तर प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बाद अब मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि वह मस्जिद को हिंदुओं को सौंप दे. मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने कहा कि मुस्लिम समुदाय को आगे आना चाहिए और मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि पर 'सफेद भवन' (सफेद संरचना) हिंदुओं को सौंपना चाहिए.

उन्होंने कहा कि जहां अदालत ने अयोध्या मुद्दे का समाधान किया है, वहीं काशी (वाराणसी) और मथुरा में 'सफेद संरचनाएं' हिंदुओं को आहत करती हैं. वह स्पष्ट रूप से दो स्थानों पर मुस्लिम धार्मिक संरचनाओं का जिक्र कर रहे थे.

योगी आदित्यनाथ सरकार में संसदीय मामलों के राज्य मंत्री शुक्ला ने सोमवार शाम संवाददाताओं से कहा, “एक समय आएगा जब मथुरा में हर हिंदू को आहत करने वाले सफेद ढांचे को अदालत की मदद से हटा दिया जाएगा. डॉ. राम मनोहर लोहिया ने कहा था कि भारत के मुसलमानों को यह मानना ​​होगा कि राम और कृष्ण उनके पूर्वज थे और बाबर, अकबर और औरंगजेब हमलावर थे. अपने आप को उनके द्वारा बनाए गए किसी भी भवन से न जोड़ें.”

उन्होंने कहा, “मुसलमान समुदाय को आगे आना चाहिए और मथुरा के श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर में स्थित सफेद संरचना को हिंदुओं को सौंप देना चाहिए. समय आएगा जब यह काम पूरा हो जाएगा.”

उन्होंने कहा कि 6 दिसंबर (1992) को 'कारसेवकों' ने 'रामलला पर धब्बा' हटा दिया था और अब वहां भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. वह स्पष्ट रूप से हिंदुत्ववादी भीड़ द्वारा अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस का जिक्र कर रहे थे.

शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सैयद वसीम रिजवी को 'सनातन धर्म' (हिंदू धर्म) में आने के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि मुसलमानों को "घर वापसी" (हिंदू धर्म में वापसी) का पालन करना चाहिए.

उन्होंने रिजवी के “साहसी” कदम की सराहना करते हुए कहा, “देश के सभी मुसलमान धर्मांतरित हो गए हैं. अगर वे उनका इतिहास देखें तो पाएंगे कि 200-250 साल पहले उन्होंने हिंदू धर्म से इस्लाम धर्म अपना लिया था. हम चाहेंगे कि ये सभी 'घर वापसी' करें. भारत की मूल संस्कृति 'हिंदुत्व' (हिंदू धर्म) और 'भारतीयता' है. वे एक-दूसरे के पूरक हैं. ”

मंत्री ने कहा, "यह कदम मौलाना और मौलवियों के लिए एक चुनौती है जो देश में रहते हैं और तालिबानी मानसिकता को बढ़ावा देते हैं."

उन्होंने समाजवादी पार्टी, इसके संस्थापक मुलायम सिंह यादव और अध्यक्ष अखिलेश यादव को हिंदू विरोधी करार दिया, जिन्होंने अयोध्या में निहत्थे कारसेवकों पर "गोलीबारी का आदेश" दिया था.