राजधानी लखनऊ में मुस्लिम समुदाय को वैक्सीन से पहले मौलाना के फतवे का इंतजार

लखनऊ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने न्यूज नेशन संवाददाता रतीश त्रिवेदी से बातचीत करते हुए बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए वैक्सीन के आ जाने पर भी वो अपने समुदाय के उलेमाओं और मौलानाओं के फतवे का इंतज़ार करेंगे उसके बाद वो कोरोना वैक्सीन लगवा

लखनऊ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने न्यूज नेशन संवाददाता रतीश त्रिवेदी से बातचीत करते हुए बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए वैक्सीन के आ जाने पर भी वो अपने समुदाय के उलेमाओं और मौलानाओं के फतवे का इंतज़ार करेंगे उसके बाद वो कोरोना वैक्सीन लगवा

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Ravindra Singh
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Vaccine sample seized in Noida

कोरोना वैक्सीन( Photo Credit : सांकेतिक चित्र)

पूरी दुनिया में कोरोना वायरस ने तबाही मचा रखी है. कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से दुनिया भर की इकोनॉमी गिर गई है लोग बेरोजगार हो रहे हैं लेकिन अभी तक कोरोना वायरस की वैक्सीन नहीं बन पाई है. एक ओर तो वैक्सीन बन नहीं पाई दूसरी ओर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आम मुस्लिम समुदाय से कोरोना वायरस से बचने के लिए वैक्सीन लगवाने की बातचीत की गई तो इन लोगों ने कहा कि अभी तक उनके यहां किसी मौलाना या उलेमा ने कोरोना वैक्सीन को लेकर कोई फतवा नहीं जारी किया है. 

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लखनऊ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने न्यूज नेशन संवाददाता रतीश त्रिवेदी से बातचीत करते हुए बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए वैक्सीन के आ जाने पर भी वो अपने समुदाय के उलेमाओं और मौलानाओं के फतवे का इंतज़ार करेंगे उसके बाद वो कोरोना वैक्सीन लगवाने से पहले हलाल और हराम पर विचार करेंगे, अगर ये कोरोना वैक्सीन हलाल हुई तो लगवाएंगे और अगर ये वैक्सीन हलाल नहीं हुई तो फिर ये लोग इस वैक्सीन को हराम के नजरिए से देखेंगे और इसे लगवाने से परहेज करेंगे. वहीं कुछ ऐसे भी लोग थे जिन्होंने कहा कि वो इस वैक्सीन में हलाल हराम एंगल को नहीं देखेंगे.

कोविड की वैक्सीन को मजहबी चश्मे से देखने की ज़रूरत नहीं है. जो भी वैक्सीन आएगी उसे हमारे वैज्ञानिक, सरकार तमाम अप्रूवल के बाद वैक्सीनेशन के लिए लाएगी. उसे सभी को लगवाना चाहिए. दुनिया मे क्या हो रहा है उससे हमारा कोई लेना देना नहीं. हम लोगों से अपील भी करते हैं कि जिस तरह पल्स पोलियो को लेकर अफवाह फैलाई गई थी उस तरह की अफवाह पर ध्यान नहीं देना है। जो वैक्सीन सरकार लाएगी उसे लगवाएं.

वहीं जब मुस्लिम धर्मगुरू मौलाना खालिद राशिद फिरंगीमहली से इस बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि वैक्सीन में हलाल या फिर हराम के एंगल को देखना ठीक नहीं है. शरीयत में तो जान बचाने के लिए जिसका भी गोश्त मिले जीवित रहने के लिए उसकी इजाजत है ऐसे में जो वैक्सीन आएगी उसे लगवाकर अपनी जान बचाने का काम करना चाहिए.

वहीं जब मुस्लिम समुदाय के एक और धर्मगुरू मौलाना सुफ़ियान से कोरोना वैक्सीन को लेकर बातचीत की गई तो उन्होंने भी वैक्सीन के समर्थन में बात की. वहीं आम मुस्लिमों की मानें तो उनका कहना है कि वैक्सीन जब आएगी तो वो उसको लगवाएंगे ताकि उनकी जान बच सके. लेकिन इसके बाद भी कुछ लोग ऐसे भी हैं जो वैक्सीनेशन से पहले उलेमा, मौलानाओं के फतवे का इंतज़ार ज़रूर करेंगे, यानी अगर मौलानाओं ने ये कह दिया कि ये भारत मे आई वैक्सीन हराम है और ये हलाल सर्टिफिकेट वाली नहीं है तो वो उसे नहीं लगवा सकते.

Source : News Nation Bureau

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