अयोध्या की विवादित जमीन छोड़ना मुस्लिम बोर्ड को मंजूर नहीं, दिया ऐसा बयान
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अयोध्या की विवादित जमीन हिंदुओं को देने की मसले पर मुस्लिम बुद्धिजीवियों की पैरोकारी को मानने से इनकार कर दिया है.
लखनऊ:
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अयोध्या की विवादित जमीन हिंदुओं को देने की मसले पर मुस्लिम बुद्धिजीवियों की पैरोकारी को मानने से इनकार कर दिया है. पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपने जारी एक बयान में कहा कि बाबरी मस्जिद किसी भी मंदिर को को तोड़कर नहीं बनाई गई. लिहाजा, शरीयत कानून के हिसाब से यह जमीन न किसी और को हस्तांतरित की जा सकती है और न ही किसी के हाथों बेची जा सकती है. शरीयत कानून हमें इसकी इजाजत नहीं देता.
यह भी पढ़ेंः यात्री ने कहा- 'लखनऊ से चेन्नई जाने वाली फ्लाइट में बम है', जानें फिर क्या हुआ
इंडियन मुस्लिम फॉर पीस संस्था के बैनर तले लखनऊ में गुरुवार को आयोजित एक कार्यक्रम में मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने कहा था कि अगर मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट से मुकदमा जीत भी जाता है तो उसे यह जमीन हिंदुओं को दे देनी चाहिए. इस पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा, 'बोर्ड अपने पुराने रुख पर कायम है. इसमें अब कोई सुलह-समझौते की गुंजाइश बची नहीं है. इस बारे में कई बैठकें हो चुकी हैं, जो बेनतीजा ही रही हैं. हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करेंगे. हमारी बाबरी मस्जिद जो शहीद हुई है, उस बारे में कोई क्यों नहीं सोचता.'
उन्होंने कहा, 'यह आजाद मुल्क है, हर आदमी को अपनी राय रखने का पूरा हक है. जिन लोगों (मुस्लिम बुद्धिजीवियों) ने अपनी राय रखी, यह उनकी निजी राय हो सकती है. सवाल यह उठता है कि हमेशा मुतालवा मुसलमानों से ही क्यों किया जाता है? एक ही पक्ष से क्यों कहा जाता है? हमारी ही मस्जिद शहीद की गई और हम ही से ही कहा जाता है कि जमीन भी छोड़ दो. यह अफसोसनाक बात है.'
यह भी पढ़ेंः कानपुर के सरकारी अस्पताल में सिजेरियन के लिए महिला ने झुमके बेंच कर जुटाए पैसे
मुस्लिम बुद्धिजीवी इंडियन मुस्लिम फॉर पीस संस्था के बैनर तले गुरुवार को हुई बैठक में लेफ्टिनेंट जनरल जमीरुद्दीन शाह, मशहूर हृदयरोग विशेषज्ञ पद्मश्री डॉ. मंसूर हसन, ब्रिगेडियर अहमद अली, पूर्व आईएएस अनीस अंसारी, रिजवी, पूर्व आईपीएस पूर्व जज बी.डी. नकवी, डॉ. कौसर उस्मान समेत बड़े लोगों ने भाग लिया था. इस दौरान मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने राय दी थी कि अयोध्या की विवादित जमीन भगवान राम का मंदिर बनाने के लिए दे दी जाए. बुद्धिजीवियों ने इस आशय का प्रस्ताव पारित कर उसे सुन्नी वक्फ बोर्ड व ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पास भेजने का निर्णय लिया था. उन्होंने सुझाव दिया है कि अयोध्या में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की 2़ 77 एकड़ जमीन हिंदुओं को भेंट करने के लिए सरकार को सौंप दी जाए और मस्जिद बनाने के लिए मुस्लिमों को कोई दूसरी जगह दे दी जाए.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती पर गलती से भी न करें ये काम, बजरंगबली हो जाएंगे नाराज
-
Vastu Tips For Office Desk: ऑफिस डेस्क पर शीशा रखना शुभ या अशुभ, जानें यहां
-
Aaj Ka Panchang 20 April 2024: क्या है 20 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह