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एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दयानायक के हत्थे चढ़े विकास दुबे के गुर्गे, ऐसे करते थे माफिया की मदद

विकास दुबे ने 15 जून को गुड्डन की हार्डवेयर की दुकान का उद्घाटन किया था. इस दौरान उन दोनों की एक फोटो भी सामने आई थी. रविवार की रात पुलिस गुड्डन के घर छापेमारी में गई थी लेकिन वो अपने परिवार के साथ फरार हो चुका था.

Updated on: 11 Jul 2020, 04:21 PM

नई दिल्‍ली:

कानपुर के माफिया विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद पुलिस अब उसके करीबियों पर शिकंजा कसने लग गई है. शनिवार को विकास दुबे गैंग के दो प्रमुख गुर्गों को महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दया नायक ने गिरफ्तार किया है. मुंबई एटीएस ने इन दोनों की गिरफ्तारी मुंबई के ठाणे जिले से की है.  मुंबई एटीएस ने उत्तर प्रदेश पुलिस को इस गिरफ्तारी की जानकारी दे दी है.फिलहाल दोनों ही और आरोपियों को मुंबई ATS के जुहू यूनिट में रखा गया है. आपको बता दें कि बीते 2 जुलाई को कानपुर में पुलिसवालों की हत्या में ये दोनों भी वांटेड थे. वहीं इसके पहले शुक्रवार सुबह 7 बजे के लगभग विकास दुबे की कानपुर के पास पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी.

मुंबई से गिरफ्तार किए गए विकास दुबे गैंग के गुर्गों की पहचान अरविंद उर्फ गुड्डन रामविलास त्रिवेदी और सुशिल कुमार उर्फ सोनू तिवारी के रूप में हुई है. बताया जाता है कि गुड्डन त्रिवेदी राजनीति में बहुत ही सक्रिय था यूपी की तीनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियां (बीजेपी, सपा और बसपा) में उसकी अच्छी पकड़ थी. बताया जाता कि इसने कई बार विकास दुबे की मुलाकात कई बड़े नेताओं से करवाई थी. विकास दुबे ने 15 जून को गुड्डन की हार्डवेयर की दुकान का उद्घाटन किया था. इस दौरान उन दोनों की एक फोटो भी सामने आई थी. रविवार की रात पुलिस गुड्डन के घर छापेमारी में गई थी लेकिन वो अपने परिवार के साथ फरार हो चुका था. 

ठाणे में छिपे होने की जानकारी पर जूहू यूनिट एटीएस ने मारा छापा
महाराष्ट्र एटीएस को इस बात के इनपुट मिले थे कि मुंबई और ठाणे में विकास के कुछ करीबी छिपे हुए हैं. इस जानकारी के बाद मुंबई पुलिस ने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहे जाने वाले दया नायक के नेतृत्त्व में एक टीम गठित की. इस टीम ने आज सुबह ठाणे के कोलशेत रोड पर एक घर पर छापा मारकर गुड्डन त्रिवेदी और उसके ड्राइवर सोनू तिवारी को गिरफ्तार किया है. 46 वर्षीय त्रिवेदी पर भी 2001 में स्टेट मंत्री का दर्जा प्राप्त संतोष शुक्ल की हत्या की साजिश का आरोप था.

ब्याज पर पैसे का कारोबार भी चलाता था विकास दुबे
यूपी एसटीएफ को जांच के दौरान मिली अहम जानकारी मिली इसके मुताबिक ब्याज के पैसों को बाजार में लगाने में जय वाजपेयी नाम का शख्स विकास दुबे के पैसों को ब्याज पर चलाने में मदद करता था. नोटबंदी के पहले करीब 6.30 करोड़ रुपये की कैश धनराशि को विकास दुबे ने 2% ब्याज पर चलाने के लिए जय वाजपेयी को दी थी. जय बाजपेयी ने इस 2% को 5% करके मार्केट में कई कारोबारियों को दिया था. इसके बाद इस तरह की कई बड़ी धनराशि ब्याज पर कारोबारियों को जय वाजपेयी ने दे रखी थी जो पैसा विकास दुबे जय वाजपेयी को देता था. इसके अलावा जय वाजपेयी के जरिये ही विदेश में पैसा इन्वेस्ट होने की बात एसटीएफ को पता चली है