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मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव का सैफई में होता रहा इंतजार, जानें वजह

यूपी विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में सैफई के लोग मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव का इंतजार करते रहे, लेकिन वह वोट डालने के लिए नहीं आईं.

Updated on: 20 Feb 2022, 09:00 PM

लखनऊ:

सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव  के पैतृक गांव सैफई में  पूरी कुनबा जुटा था. यह जुटान मतदान के लिए हुआ था. कारण मुलायम परिवार अपने पैतृक गांव में ही मतदान करता है. यहां पर नहीं थीं तो मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव. वह सैफई मतदान करने नहीं पहुंचीं. अपर्णा यदाव के साथ ही उनके पति प्रतीक यादव और सास साधना गुप्ता भी सैफई मतदान करने नहीं आईं. मुलायम परिवार इंतजार करता रहा. लेकिन मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी का पूरा परिवार सैफई नहीं पहुंचा. दरअसल, अपर्णा यादव भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर चुकी हैं. लेकिन सपा से टिकट न मिलने की उम्मीद में वह भाजपा  में शामिल हुई थीं वहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लगा.

यूपी विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में सैफई के लोग मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव (Aparna Yadav)का इंतजार करते रहे, लेकिन वह वोट डालने के लिए नहीं आईं. ऐसा पहली बार हुआ है कि उन्‍होंने अपना वोट नहीं डाला है. यही नहीं, अपर्णा के साथ ही उनके पति प्रतीक यादव (Prateek Yadav)और सास साधना गुप्ता (Sadhna Gupta) ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया है. वहीं, तीनों लोगों को वोट डालने नहीं आना इलाके में चर्चा का कारण बना हुआ है.

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बता दें कि समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना गुप्ता, बेटे प्रतीक यादव और बहू अपर्णा यादव का नाम सैफई की वोटर लिस्ट में है. इन तीनों लोगों को सैफई स्थित अभिनव स्कूल में अपने मताधिकार का प्रयोग करना था, लेकिन देर शाम तक कोई भी वोट डालने के लिए नहीं आया. हालांकि सुबह से ही लोग उनके वोट डालने के लिए सैफई आने का इंतजार कर रहे थे.

 इससे पहले मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना गुप्ता, बेटे प्रतीक यादव और बहू अपर्णा यादव संसदीय चुनाव और विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए सैफई आते रहे हैं. जबकि अपर्णा यादव के भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद आज सैफई आने की पूरी उम्मीद थी. हालांकि इससे सैफई की राजनीति का पारा जरूर बढ़ जाता. हालांकि तीनों लोगों के वोट नहीं डालने की वजह सपा द्वारा उनके खिलाफ दुष्प्रचार माना जा रहा है. वैसे वोट नहीं डालने की सही वजह अभी तक पता नहीं चल सकी है.