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मुलायम सिंह यादव ने टीचिंग से शुरू किया करियर, राजनीति तक ऐसा रहा सफर

वे हमेशा से बच्चों को कुछ अलग पढ़ाने की कोशिश करते थे

Updated on: 10 Oct 2022, 11:23 AM

लखनऊ:

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav Death) का आज निधन हो गया. उन्होंने मेदांता अस्पताल में सुबह 8:16 अंतिम सांस ली. मुलायम सिंह लंबे समय से बीमार चल रहे थे. मुलायम सिंह महान राजनेताओं में से एक थे. आपकों बता दें मुलायाम सिंह राजनीति में आने से पहले शिक्षक भी रह चुके हैं. उन्होंने हाई स्कूल में हिंदी और इंटर में सामाजिक विज्ञान पढ़ाया, वो बच्चों के फेवरेट टीचर में से एक थे. बच्चों को पढ़ाने के दौरान ही वो सामाजिक कार्यों में भी रुचि लेने लगे थे. इसके बाद वो शिक्षक की नौकरी छोड़कर राजनीति में सक्रिय हो गए थे. 

साल 1967 में वो पहली बार विधायक बने थे तब वो केवल 28 साल के थे. 1977 में मुलायम सिंह यादव को पहली बार यूपी का मुख्यमंत्री बनाया गया. वह 1989 से 1991 और इसके बाद 2007 तक वो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे. मुलायम सिंह यादव हर क्षेत्र में कुशल रहे हैं. आज हम आपसे मुलायम सिंह यादव के टीचर से लेकर राजनीति सफर के  बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं. 

120 रुपए मिलता था वेतन

मुलायम सिंह ने शैक्षण‌िक कर‌ियर करहल क्षेत्र के जैन इंटर कॉलेज से श‌ुरू क‌िया था. उन्होंने 1959 में इंटर करने के बाद सहायक शिक्षक के रुप में नौकरी शुरू की थी. जैन इंटर कॉलेज में मुलायम सिंह को एक अच्छे टीचर के रुप में याद किया जाता रहा है. बच्चों उनको बेहद पसंद करते थे, वे बच्चों के ऊपर हाथ उठाने का सख्त विरोध करते थे. वे हमेशा से बच्चों को कुछ अलग पढ़ाने की कोशिश करते थे. उन्होंने कभी भी अपने शिक्षक के कार्यकाल के दौरान बच्चों को कभी कभी रटा-रटाया पाठ नहीं पढ़ाया. बता दें उन्हें उस दौर में मात्र 120 रुपए वेतन मिलता था. उनकी राजनीति में बेहद रुचि थी जिसके चलते उन्होंने 1984 में शिक्षक पद से इस्तीफा दे दिया था.  वहीं 1992 में उन्होंने जनता दल से अलग होकर समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी.