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बांदा जेल में सजा काट चुके हैं सबसे बड़े माफिया और डकैत, जेल का है अपना अलग इतिहास

सरकार चाहे किसी की भी हो, बांदा जेल का एक अपना इतिहास रहा है. बांदा जेल की सजा की तुलना काला पानी की सजा से की जाती है.

Updated on: 06 Apr 2021, 12:20 PM

highlights

  • मंगलवार को वापस बांदा लाया जाएगा मुख्तार अंसारी
  • बांदा जेल की बैरक नंबर 15 में रखा जाएगा मुख्तार अंसारी
  • जेल में मुख्तार अंसारी की सुरक्षा के होंगे पुख्ता इंतजाम
  • बांदा जेल में राजा भैया, अतीक अहमद और ददुआ जैसे लोग रह चुके हैं बंद

नई दिल्ली:

मंगलवार को माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को पंजाब के रोपड़ जेल से उत्तर प्रदेश के बांदा जेल लाया जाएगा. बता दें कि सोमवार को उत्तर प्रदेश पुलिस का एक विशेष दल मुख्तार अंसारी को बांदा जेल लाने के लिए पंजाब गया था. इस पर चित्रकूट के महानिरीक्षक के. सत्यनारायण ने कहा, ''पंजाब के रोपड़ पहुंचने के बाद टीम अंसारी को हिरासत में लेगी और उसे वापस लाने के लिए कागजी औपचारिकताएं पूरी करेगी. उन्हें यूपी तक सुरक्षित वापस लाने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बल भेजा जा रहा है.'' मुख्तार अंसारी की सुरक्षा को देखते हुए जेल में भी सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

सरकार चाहे किसी की भी हो, बांदा जेल का एक अपना इतिहास रहा है. बांदा जेल की सजा की तुलना काला पानी की सजा से की जाती है. उत्तर प्रदेश के नामी माफियाओं से लेकर चंबल के डकैत भी बांदा जेल में सजा काट चुके हैं. बता दें कि बांदा जेल में राजा भैया, अतीक अहमद, पुरुषोत्तम द्विवेदी, अनिल दुजाना के अलावा ददुआ डकैत, बलखड़िया, गौरी यादव और संग्राम सिंह जैसे लोग भी रह चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्तार अंसारी को बांदा जेल के बैरक नंबर 15 में रखा जाएगा. इससे पहले, मुख्तार अंसारी को जब साल 2017 में बांदा जेल लाया गया था, उस वक्त भी उसे बैरक नंबर 15 में ही रखा गया था. बताया जाता है कि बांदा जेल का बैरक नंबर 15 सबसे सुरक्षित बैरक है.

बता दें कि 26 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को 2 हफ्ते के भीतर मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपने का आदेश दिया था. इसके बाद पंजाब सरकार के गृह और न्याय विभाग ने मुख्तार अंसारी को 8 अप्रैल से पहले उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपने के लिए उपयुक्त इंतजाम करने के लिए 3 अप्रैल को अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी को पत्र लिखा था. जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में 600 कैदियों की क्षमता है लेकिन अभी यहां 1200 से भी ज्यादा कैदी सजा काट रहे हैं.