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मुख्तार अंसारी ने कोर्ट में कहा- मेरे ऊपर लगे सारे आरोप गलत

Mukhtar Ansari Ambulance Case : यूपी की बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.

Updated on: 09 Sep 2021, 05:11 PM

नई दिल्ली:

Mukhtar Ansari Ambulance Case : यूपी की बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी ( Mukhtar Ansari ) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एंबुलेंस केस ( Ambulance Case ) में बाहुबली मुख्तार अंसारी को गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बाराबंकी के विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट में पेश किया गया. सुनवाई के दौरान बाहुबली मुख्तार अंसारी ने अपने ऊपर लगे सारे आरोपों को गलत बताया. साथ ही उन्होंने जज के सामने एक बार फिर बांदा जेल के बैरक में टीवी लगवाने की मांग उठाई है.

न्यायाधीश कमलकांत श्रीवास्तव की अदालत में एम्बुलेंस केस की सुनवाई हुई. मुख्तार अंसारी ने जज से खुद को आरोप मुक्त करने की अपील की. इस पर कोर्ट ने मुख्तार से कहा कि अपना लिखित बयान दाखिल करें, उसके बाद यथोचित फैसला लिया जाएगा. मुख्तार ने कहा कि मैं 25 साल से विधायक हूं और किसी भी माननीय को निरुद्धकाल में उच्च श्रेणी की सुविधा मिलती है.

बाहुबली मुख्तार अंसारी ने कहा कि जेल मैनुअल की धारा 270 के तहत मुझे भी उच्च श्रेणी की सारी सुविधाएं मिलनी चाहिए. कानून सबके लिए और न्यायिक अभिरक्षा में मुझे सारी सुविधाएं दिलाने की कोर्ट की जिम्मेदारी है. इस मामले की सुनवाई अब 23 सितंबर को होगी.

इससे पहले भी मुख्तार अंसारी को कोर्ट में पेश किया गया था. तब उन्होंने कोर्ट में कहा था कि जैसे ही कोर्ट के बाहर निकलूंगा, सरकार मुझे मरवा देगी. सरकार चित्रकूट जैसी घटना को अंजाम देकर मेरी हत्या करवा देगी. आपको बता दें कि योगी सरकार मुख्तार के अपराधिक साम्राज्य को लगातार खंगालने में जुटी है. बाहुबली मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) ने कोर्ट में खुद को निर्दोष बताया था. उन्होंने कहा कि राजनीति के तहत मेरे ऊपर कई मुकदमे लिखवाए गए हैं. कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के वकील को वकालतनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. मुख्तार अंसारी के वकील ने कहा कि मुख्तार के हस्ताक्षर के बाद कोर्ट में वकालतनामा पेश किया जाएगा.  

आपको बता दें कि मुख्तार अंसारी पर दर्ज एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि वह फर्जी दस्तावेज पर मऊ के श्याम संजीवनी अस्पताल की एंबुलेंस इस्तेमाल कर रहे थे. इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम ने मऊ जाकर एफआईआर में नामजद डॉ. अलका के बयान को दर्ज किया था. अपने बयान में डॉ. अलका ने पुलिस के समझ मुख्तार अंसारी के खिलाफ लिखित तौर पर शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस ने डॉ. अलका के बयान और लिखित तौर पर की गई शिकायत के आधार पर मुख्तार और उसके कुछ गुर्गों का नाम मुकदमे में दर्ज कर कानूनी प्रकिया को आगे बढ़ाया था.