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AU में चार गुना फीस वृद्धि के खिलाफ आंदोलन जारी, आमरण अनशन का 24 वां दिन

छात्रों के खिलाफ तीन नए मुकदमे का कर्नलगंज थाने में दर्ज कराए गए हैं, इसके बावजूद आंदोलित छात्र कतई झुकने को तैयार नहीं है

Updated on: 29 Sep 2022, 02:40 PM

नई दिल्ली:

इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में 4 गुना फीस वृद्धि के खिलाफ विभिन्न छात्र संगठनों का आंदोलन लगातार जारी है. छात्र संघ संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले आमरण अनशन का आज 24 वां दिन है. छात्रों के खिलाफ लगातार विश्वविद्यालय प्रशासन कड़ा रुख अपना रहा है. इसके बावजूद आंदोलित छात्र कतई झुकने को तैयार नहीं है. छात्रों के खिलाफ तीन नए मुकदमे का कर्नलगंज थाने में दर्ज कराए गए हैं. दो मुकदमे चीफ प्राक्टर प्रोफ़ेसर हर्ष कुमार की ओर से दर्ज कराए गये हैं. पहला मुकदमा 22 सितंबर को यूनियन हाल के मेन गेट का ताला तोड़ने के दौरान हुए बवाल को लेकर चार नामजद और 50 अज्ञात छात्रों के खिलाफ दर्ज कराया गया है. इसमें चीफ प्रॉक्टर ने लोक सेवक पर हमला, मारपीट, जान से मारने की धमकी देने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है.

वहींं दूसरा मुकदमा 20 सितंबर को एक छात्र आयुष प्रियदर्शी द्वारा गैस सिलेंडर लेकर वीसी कार्यालय की छत पर चढ़ने और आत्मदाह की धमकी देने के मामले में दर्ज कराया गया है. इस मुकदमे में 12 छात्रों को नामजद और 150 अज्ञात पर केस दर्ज कराया गया है. आरोप लगाया गया है कि वीसी कार्यालय का भवन हेरिटेज बिल्डिंग है और इसे क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से ऐसा किया गया है. इसके साथ ही एक अन्य मुकदमा भी कर्नलगंज थाने में छात्र नमन पांडेय की पिटाई को लेकर दर्ज कराया गया है. एम ए द्वितीय वर्ष के छात्र ने पुलिस को बताया है कि 27 सितंबर को वह अंग्रेजी विभाग में क्लास करने गया था. इस दौरान उसके साथ पढ़ने वाला छात्र अश्विनी कुमार ने उस पर आंदोलन में शामिल होने का दबाव बनाया. उसके इंकार करने पर बाहरी लोगों को बुलाकर पिटाई कराई.

इस मामले में को अश्विनी कुमार को नामजद करते हुए कई अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. सभी मामलों में कर्नलगंज पुलिस जांच कर रही है. वहीं विश्वविद्यालय की सख्ती के बावजूद छात्र आंदोलन से पीछे हटने को तैयार नहीं है. दूसरी ओर विश्वविद्यालय की ओर से ट्वीट कर जानकारी दी गई है कि वह छात्रों से फीस को लेकर बने गतिरोध को खत्म करने के लिए वार्ता को तैयार है. लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन उन्हीं छात्रों से बातचीत करेगा जो कि विश्वविद्यालय के छात्र हैं. हालांकि इस मामले में छात्रों ने किसी तरह की बातचीत न करने की बात कही है. छात्रों का कहना है कि बातचीत की कोई आवश्यकता नहीं है. फीस वापस होनी चाहिए. वहीं साइंस फैकल्टी के कुछ प्रोफेसरों द्वारा विश्वविद्यालय का माहौल खराब होने और खुद के असुरक्षित होने को लेकर दिए गए बयान पर आंदोलित छात्रों ने एक पत्र तैयार किया है. फीस वृद्धि के खिलाफ आंदोलन कर रहे छात्र पत्र और गुलाब के फूल के साथ ऐसे शिक्षकों को संदेश पहुंचाएंगे कि उनका इरादा किसी को नुकसान पहुंचाने का नहीं है. बल्कि अपनी जायज मांग बढ़ी हुई फीस वापस किए जाने को लेकर गांधीवादी तरीके से आंदोलन चलाना है.