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मैकेनिक की बेटी अमेरिका में मचा रही है धूम, पिता ने बेटी के लिए कबाड़ तक बेचा

वाराणसी की बेटी आज अमेरिका में अपना झंडा बुलंद कर रही है दरसल 9 साल की उम्र में वर्षा (Varsha) को अमेरिका जाने के लिए स्कॉलरशिप मिली उसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

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Drigraj Madheshia
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मैकेनिक की बेटी अमेरिका में मचा रही है धूम, पिता ने बेटी के लिए कबाड़ तक बेचा

मोटर मैकेनिक की बेटी वर्षा( Photo Credit : न्‍यूज स्‍टेट)

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अगर हिम्मत और हौसला हो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है वाराणसी (Varanasi) की बेटी ने जो बास्केटबॉल (Basketball) में अमेरिका में धूम मचा रही है और सबसे बड़ी बात की इसके पिता एक मैकेनिक है और इसने राष्ट्रमंडल खेल (Commonwealth Game) में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया था. बास्केटबॉल की ये खिलाड़ी अपनी जिंदगी में संघर्षो को पार कर आज यहां तक पहुंची है. पिता ने बेटी को इस खेल में आगे बढ़ाने के लिए कर्ज लेकर अपनी जिन्दगी बितायी है.

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वाराणसी (Varanasi) की बेटी आज अमेरिका में अपना झंडा बुलंद कर रही है दरसल 9 साल की उम्र में वर्षा (Varsha) को अमेरिका जाने के लिए स्कॉलरशिप मिली उसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा. वो स्नातक वहां से पूरा कर रही है और कॉलेज की तरफ से खेलती और भारत के बास्केटबॉल (Basketball) के राष्ट्रिय टीम का भी हिस्सा है इसके अलावा उसने राष्‍ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीते.

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अपने इस सफर के बारे में बताते - बताते वर्षा (Varsha) के आंखों में आंसू आ जाते है. वह बताती है कि पहले वो क्रिकेट खेलती थी उसके बाद उसकी रूचि बास्केटबॉल (Basketball) की तरफ हुई और वो अपने पिता के साथ यूपी कॉलेज में प्रैक्टिस के लिए जाने लगी और धीरे - धीरे यहाँ से उसके भाग्‍य ने करवट लिया और आज वो भारतीय टीम के साथ अमेरिका में अपनी खेल से सभी को प्रभावित कर रही है.

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वर्षा (Varsha) के पिता की आवाज भारी हो जाती है अपनी बेटी की कहानी बताते हुए अपने छोटे से मैकेनिक के दूकान पर गाड़ियां बनाते भोला सोनकर बताते हैं कि बेटी को खेलने के लिए पैसो की जरूरत थी कभी किसी से कर्ज लिया कभी दूकान के कबाड़ बेचा पर बेटी के खेल को रुकने नहीं दिया पर आज हमें गर्व है की हमारी बेटी अमेरिका में जाकर आज हमारा नाम रौशन कर रही है.

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वर्षा (Varsha) की माँ बताती है की बेटा होना भाग्य की बात है पर बेटी होना सौभाग्य होता है और हमारी बेटी ने वो कर दिखाया है जो शायद ही कोई कर पाता है, हमने कभी बेटा - बेटी में फर्क नहीं किया हमारी बेटी ने जो करना चाहा हमने आगे बढ़ाया और अगर सभी माँ -बाप ऐसा करे तो बेटियां अपना नाम जरूर रौशन करेंगी. इसके अलावा वर्षा (Varsha) की बहन और भाई को भी यकींन है की उसकी बहन जरूर सफलता के शिखर तक पहुंचेगी.

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वर्षा (Varsha) इन दिनों छुटियो में घर आयी है और आज भी वो अपने पुराने ग्राउंड में प्रेक्टिस करती है और बास्केट बॉल के नये खिलाड़ियों को अपने टिप्स देती है जिसे देखकर युवा पीढ़ी भी अब वर्षा (Varsha) के राह पर चलना चाहती है.

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Source : सुशांत मुखर्जी

varanasi Varsha Basketball
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