मानसिक रूप से विक्षिप्त एक महिला ने अपनी 11 दिन की बेटी को जलती हुई अंगीठी पर रख दिया. अंगीठी की आग से बच्ची ने जब रोना शुरु किया तो पड़ोसी हरकत में आ गए. बच्ची की रोने की आवाज सुन कर पहुंचे और बच्ची को बचाया.
पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना देते हुए बच्ची को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करवाया. घटना बरौला की है. शिकोहाबाद निवासी रामप्रेम ऑटो चालक है और बरौला में अपने परिवार के साथ रहता है. 12 जुलाई को रामप्रेम की पत्नी रत्नेश ने बेटी को जन्म दिया.
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बच्ची पैदा होने के बाद रत्नेश का मानसिक संतुलन बिगड़ गया. मंगलवार को रामप्रेम काम पर और उसका 7 साल का बेटा स्कूल चला गया. जिसके बाद बच्ची और मां घर में अकेले थीं. रत्नेश के घर से धुआं निकल रहा था और लगातार बच्ची के रोने की आवाज आ रही थी.
आवाज सुनकर आसपास के लोग जब मौके पर पहुंचे तो रत्नेश अंगीठी के पास खड़ी होकर रो रही थी. अंगीठी पर रखे उपले को ऊपर बच्ची थी. हालांकि लोगों ने तुरंत नवजात को बाहर निकाला और पुलिस को सूचना दी. एसपी सिटी विनीता जायसवाल के मुताबिक मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को अस्पताल में भर्ती करवाया.
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पुलिस मामले की जांच कर रही है. पुलिस के मुताबिक प्रसव के बाद रत्नेश की हालत खराब हो गई थी. वह अजीब हरकतें करने लगी थी और आग-आग चिल्लाती थी.
Source : News Nation Bureau