राजधानी लखनऊ देश के सबसे प्रदूषित शहरों में पहुंच चुका है. हाल यह है कि यहां सांस लेना और न लेना एक बराबर हो गया है. सांस लेने से इंसान यहां जिंदा तो है लेकिन वह धीरे-धीरे अपने फेफड़ों में जहर भर रहा है. यह हम नहीं बल्कि बढ़ती प्रदूषण के आंकड़े बता रहे हैं. लखनऊ ने प्रदूषण में दिल्ली के साथ औद्योगिक क्षेत्र नोएडा को भी पीछे छोड़ दिया. सोमवार को लखनऊ में एयर क्वालिटी इंडेक्स 294 दर्ज किया गया. वहीं गाजियाबाद प्रदूषण के मामले में दूसरे नंबर पर रहा. यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 294 रिकॉर्ड दर्ज किया गया. दीपावली के बाद हर साल प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. लेकिन इस साल दीपावली से पहले ही हवा जहरीली हो गई है.
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प्रदूषण का एक कारण मौसम में नमी को भी माना जा रहा है. हवा कम होने के कारण धूल और प्रदूषण फैल नहीं पा रहा है. नतीजा यह है कि स्मॉग बढ़ रहा है. वहीं मौसम वैज्ञानियों का कहना है कि प्रदूषण के कारण पहले से ही मौजूद हैं. सामान्य दिनों में वह फैल जाते हैं इस वजह से पता नहीं चलता.
बोर्ड द्वारा IIT कानपुर से कराए गए अध्ययन के मुताबिक राजधानी में वायु प्रदूषण का मुख्य कारण सड़कों से उड़ने वाली धूल है. वहीं वाहनों से होने वाला प्रदूषण 5.2 प्रतिशत और कूड़ा जलाने से 2.1 प्रतिशत प्रदूषण हो रहा है. मंगलवार को भी प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा रहा.
कहां कितना रहा प्रदूषण
गाजियाबाद-284
मुरादाबाद-272
नोएडा-260
मेरठ-255
ग्रेटर नोएडा-243
बागपत-234
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो