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नहीं थम रहा नदी में शवों का मिलना, वाराणसी-चंदौली में मिले और शव

काशी अंचल के पुलिस उपायुक्त अमित कुमार भी मौके पर पहुंचे और तलाशी अभियान पर नजर रखी. छह शव और आंशिक रूप से जले हुए एक शव को बाहर लाया गया और अंतिम संस्कार किया गया.

Updated on: 14 May 2021, 02:42 PM

highlights

  • सुजाबाद इलाके में लोगों ने शवों को मोड़ पर तैरते देखा और रामनगर पुलिस को सूचना दी
  •  किसी भी शव को पीपीई किट में पैक नहीं किया गया था और उन पर पत्थर बंधे थे

वाराणसी:

वाराणसी में गंगा नदी और उससे सटे चंदौली जिले में आंशिक रूप से जले हुए एक शव सहित सात और शव बरामद किए गए हैं. एक शव वाराणसी के सुजाबाद इलाके के पास और छह चंदौली जिले के धानापुर इलाके में गुरुवार को मिला. सुजाबाद इलाके में लोगों ने शवों को मोड़ पर तैरते देखा और रामनगर पुलिस को सूचना दी. गोताखोरों को मौके पर बुलाया गया. काशी अंचल के पुलिस उपायुक्त अमित कुमार भी मौके पर पहुंचे और तलाशी अभियान पर नजर रखी. छह शव और आंशिक रूप से जले हुए एक शव को बाहर लाया गया और अंतिम संस्कार किया गया. इस बीच, चंदौली के धनापुर में छह सड़े-गले शव बरामद किए गए और उनका अंतिम संस्कार किया गया. चंदौली के जिला मजिस्ट्रेट संजीव सिंह ने कहा कि धनापुर में बरामद सभी शव बुरी तरह सड़ चुके थे और ऐसा लगता है कि एक सप्ताह पहले उनका निस्तारण कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि किसी भी शव को पीपीई किट में पैक नहीं किया गया था और उन पर पत्थर बंधे थे.

संभागीय आयुक्त दीपक अग्रवाल ने कहा, "हमने ग्रामीण क्षेत्रों में श्मशान घाटों पर टीमों को तैनात किया है ताकि लोगों को नदियों में शवों का निपटान न करने के लिए कहा जाए और अगर वे अंतिम संस्कार करने में असमर्थ हैं तो पुलिस को सूचित करें." बिहार के अधिकारियों ने दावा किया कि उत्तरप्रदेश से 71 शव बहकर राज्य में आ गए थे. अधिकारियों ने इसके बाद नदी में नेट लगा दिया है.

विपक्ष ने राज्य में कोविड की मौतों को कम बताने का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार पर हमला किया है.समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, "गंगा में तैरती लाशें महज आंकड़े नहीं हैं, वे किसी के पिता, मां, भाई और बहन हैं. सरकार की जवाबदेही होनी चाहिए जिसने अपने लोगों को इतनी बुरी तरह विफल कर दिया है." कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ट्वीट किया, "बलिया और गाजीपुर में गंगा में शव तैर रही हैं. रिपोर्ट में उन्नाव में नदी के किनारे बड़े पैमाने पर शव दफनाने की खबरें आ रही हैं. लखनऊ, गोरखपुर, झांसी और कानपुर जैसे शहरों से आधिकारिक संख्या कम बताई जा रही है." उन्होंने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच की मांग करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में जो हो रहा है, वह अमानवीय और आपराधिक है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार छवि निर्माण में व्यस्त है जबकि लोग परेशान हैं.