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गोरखपुर और आसपास के जिलों से मानसून रूठा, छाई पानी की किल्लत 

पूर्वांचल में जहां पानी 100 से 150 फुट तक आराम से मिल जाया करता था आज वहां 300 से 350 फुट नीचे जाने पर भी पानी नहीं मिल पा रहा है. यही कारण है कि लोग पानी की तलाश में अपने हैंडपंप को रिबोर करा रहे हैं.

Updated on: 31 Jul 2022, 01:47 PM

गोरखपुर:

गोरखपुर और आसपास के जिलों से इस बार मानसून रूठ सा गया है. स्थिति इतनी इतनी खराब हो गई है कि ग्राउंड वाटर लेवल लगातार नीचे गिरता जा रहा है और इसकी वजह से लोगों को अपने खेत और मकान के बोरिंग को फिर से रिबोर कराना पड़ रहा है. पूर्वांचल में जहां पानी 100 से 150 फुट तक आराम से मिल जाया करता था आज वहां 300 से 350 फुट नीचे जाने पर भी पानी नहीं मिल पा रहा है. यही कारण है कि लोग पानी की तलाश में अपने हैंडपंप को रिबोर करा रहे हैं.

गांव में अभी भी लोग हैंडपंप के सहारे ही पानी पर निर्भर रहते हैं लेकिन वाटर लेवल काफी नीचे जाने की वजह से हर गांव में इस समय लोग अपने घरों के हैंडपंप और खेतों में लगे बोरिंग को रिबोर करा रहे हैं. गोरखपुर के किसानों का कहना है कि उनका इलाका पानी को लेकर हमेशा समृद्ध रहा है और उन्होंने कल्पना नहीं की थी की उन्हें भी पानी का इतना संकट हो सकता है. बरसात नहीं होने की वजह से तालाब और पोखरे भी सूख गए हैं. इसकी वजह से धरती का पानी पाताल की ओर बढ़ गया है. उन्होंने जो उम्मीद इस बार मौसम को लेकर उन्होंने लगाई थी वह सारी उम्मीद अब खत्म हो रही है क्योंकि बरसात नहीं होने की वजह से धान की फसल तो पूरी तरह से बर्बाद हो ही रही है.

वॉटर लेवल भी नीचे जाने की वजह से दूसरी परेशानियां खड़ी हो गई है. मौसम विभाग के अगर आंकड़ों की माने तो 1 जून से 30 जुलाई तक 596.7 मिमी बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन अब तक मात्र 254.5 मिमी बारिश हुई  है यानी औसत से 56 फीसदी कम. वहीं अगर जुलाई माह की बात करें तो जुलाई महीने में 359.5 मिमी बारिश होनी चाहिए थी जो अबतक 173 मिमी हुई है. यह औसत से 51.82 फीसदी कम है. मौसम की इसी आंख मिचौली की वजह से हर कोई परेशान नजर आ रहा है और ऊपर वाले से अब फरियाद कर रहा है कि जल्द से जल्द बारिश हो ताकि उनकी परेशानियां का हो सकें.