logo-image

यूपी में विधायकों का कटेगा 30 फीसद वेतन, योगी सरकार लाएगी अध्यादेश

इसके अलावा दो साल के लिए सभी विधायकों की निधि भी खत्म की जा सकती है. इसके लिए योगी सरकार अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है. यह धनराशि कोरोना महामारी से निपटने में इस्तेमाल की जाएगी.

Updated on: 07 Apr 2020, 03:29 PM

लखनऊ:

कोरोना संकट के कारण केंद्र की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश में भी विधायकों का 30 फीसद वेतन काटा जाएगा. इसके अलावा दो साल के लिए सभी विधायकों की निधि भी खत्म की जा सकती है. इसके लिए योगी सरकार अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है. यह धनराशि कोरोना महामारी से निपटने में इस्तेमाल की जाएगी. राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपाल भी अपनी स्वेच्छा से अपनी सैलरी 30 फीसद कम करेंगे.

यह भी पढ़ेंः LOCKDOWN से ऐसे बाहर निकलेगा देश, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लेंगे आखिरी फैसला

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में सभी सांसदों के वेतन में एक साल के लिए 30 फीसदी की कटौती की है. इसके अलावा सांसद निधि भी 2 साल के लिए स्थगित कर दी गई है. यह कटौती एक अप्रैल से प्रभावी हो गई और यह अगले साल मार्च तक जारी रहेगी. सैलरी में यह कटौती उनकी बेसिक सैलरी से होगी. संसद के दोनों सदनों में 790 सांसदों (लोकसभा के 545 और राज्यसभा के 245 सांसद) की व्यवस्था है. हालांकि वर्तमान समय में लोकसभा में 542 और राज्यसभा में 238 सदस्य हैं. इस तरह से संसद में 780 सांसद हैं और प्रत्येक सांसदों की सैलरी से अब 30 हजार रुपये कटेंगे और इस तरह से हर महीने 2 करोड़ 34 लाख रुपये की बचत होगी.

यह भी पढ़ेंः महाराष्ट्र: लॉकडाउन के दौरान एक दिन में 3 लाख से ज्यादा का जुर्माना वसूला गया, 46 के खिलाफ FIR

इसके अलावा प्रत्येक सांसदों को हर साल 5 करोड़ रुपये उनके सांसद निधि के तहत मिलता है जो अब 2 साल के लिए स्थगित कर दी गई है. सरकार ने वेतन में कटौती के लिए अध्यादेश भी जारी कर दिया है. केंद्र के फैसले से सरकार को करीब 8 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी जिसका इस्तेमाल कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने में किया जाएगा.

राष्ट्रपति की सैलरी 5 लाख
राष्ट्रपति की सैलरी 5 लाख रुपये है तो उपराष्ट्रपति को 4 लाख रुपये प्रति माह सैलरी मिलती है. जबकि राज्यपाल की सैलरी 3.5 लाख है तो केंद्र शासित प्रदेशों में तैनात उपराज्यपाल को 1.10 लाख रुपये सैलरी मिलती है. प्रधानमंत्री की सैलरी 2 लाख रुपये है, इतनी ही सैलरी केंद्रीय मंत्रियों को भी मिलती है. जबकि प्रत्येक सांसदों की सैलरी 1 लाख रुपये है. सांसदों की मासिक सैलरी के अलावा संसदीय क्षेत्र का मासिक भत्ता 70 हजार के अलावा अन्य भत्ते भी मिलते हैं जिसमें ऑफिस खर्च 60 हजार, फर्नीचर भत्ता 1 लाख (5 साल में 1 बार) केंद्र सरकार की ओर से देश के शीर्ष पदों पर बैठे लोगों और सांसदों की सैलरी में 30 फीसदी की कटौती से करीब 25 करोड़ रुपये की बचत होगी.