UP Politics: उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है. समाजवादी पार्टी (सपा) ने चायल विधानसभा सीट से विधायक पूजा पाल को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. पार्टी ने उनके खिलाफ पार्टी-विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए यह कार्रवाई की. हालांकि, राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि असली वजह हाल ही में यूपी विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खुलकर की गई तारीफ है.
ये है पूरा विवाद
दरअसल, मानसून सत्र के दौरान पूजा पाल ने सदन में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के खिलाफ कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री की सराहना की थी. उन्होंने कहा था, "मैंने अपना पति खोया है. सभी जानते हैं कि उनकी हत्या किसने की. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुझे और प्रयागराज की कई महिलाओं को न्याय दिलाया. उनके ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति ने अतीक जैसे अपराधियों को मिट्टी में मिला दिया." उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद सपा नेतृत्व नाराज़ बताया जा रहा है.
क्या है उनका राजनीतिक बैकग्राउंड
पूजा पाल की निजी जिंदगी भी संघर्ष से भरी रही है. वह पूर्व विधायक राजू पाल की पत्नी हैं, जिनकी 2005 में शादी के सिर्फ 9 दिन बाद गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद और अशरफ के नाम सामने आए थे. पति की मौत के बाद पूजा ने डरने के बजाय राजनीतिक मैदान में उतरकर 2007 में पहली जीत हासिल की. 2012 में उन्होंने अतीक अहमद को हराया, जबकि 2017 में हार का सामना करना पड़ा. 2022 में वह सपा के टिकट पर चायल सीट से विधायक बनीं.
भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज
सपा से निकाले जाने के बाद उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज हैं. हालांकि, पूजा पाल ने इन अटकलों पर फिलहाल विराम लगाते हुए कहा है कि उनका भाजपा में जाने का कोई इरादा नहीं है. उनका कहना है कि उन्होंने केवल मुख्यमंत्री की उस कार्रवाई की तारीफ की, जिससे उन्हें और अन्य पीड़ितों को न्याय मिला.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पूजा पाल का अगला कदम यूपी की राजनीति में बड़ा असर डाल सकता है. सपा से निष्कासन के बाद वह स्वतंत्र विधायक के तौर पर आगे बढ़ेंगी या किसी अन्य पार्टी का दामन थामेंगी, इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं.
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