बिजली कंपनियों पर करोड़ों बकाया, उपभोक्ता परिषद दायर करेगा पुनर्विचार याचिका 

उत्तर प्रदेश में उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर 25133 करोड. रुपए बकाया है. उपभोक्ताओं ने विभिन्न मदों में बिजली कंपनियों को दिया है.

उत्तर प्रदेश में उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर 25133 करोड. रुपए बकाया है. उपभोक्ताओं ने विभिन्न मदों में बिजली कंपनियों को दिया है.

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Pradeep Singh
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बिजली कंपनियां( Photo Credit : News Nation)

उत्तर प्रदेश में बिजली की दरों में कमी के लिए राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद जल्दी राज्य विद्युत नियामक आयोग में पुनर्विचार याचिका दायर करेगा. नोएडा पावर कंपनी के अधिकार क्षेत्र वाले ग्रेटर नोएडा में बिजली दरों में की गई 10 फ़ीसदी की कमी के आधार पर उपभोक्ता परिषद अब आगे अपनी लड़ाई शुरू करेगा. उत्तर प्रदेश में उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर 25133 करोड. रुपए बकाया है. उपभोक्ताओं ने विभिन्न मदों में बिजली कंपनियों को दिया है. जिसकी वापसी के लिए उपभोक्ता परिषद लगातार संघर्ष कर रहा है. 

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उपभोक्ता परिषद का यह कहना है कि जब जनता का इतना पैसा विद्युत कंपनियों के पास पड़ा हुआ है इसे उनकी विद्युत दरें कम करके अर्जित किया जाए. ताकि उपभोक्ताओं को अपने पैसे का लाभ मिल सके. लेकिन उसके बाद भी बिजली कंपनियां कोई ना कोई नया बहाना करके विद्युत दरों में कटौती करने के लिए तैयार नहीं हो रही है. और इसी के खिलाफ उपभोक्ता परिषद अब नियामक आयोग में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगा.

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उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का दावा है कि जिस तरह से आयोग ने एनपीसीएल (नोएडा में ) पर उपभोक्ताओं की निकल रही देनदारी के एवज में दरों में कमी की गई है वहीं सभी बिजली कंपनियों की दरों को कम कराने का ठोस और मजबूत आधार है. नियमानुसार कार्रवाई हो तो बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का निकल रहा सरप्लस की एवज में अगले 6 वर्षों तक बिजली दरों में हर वर्ष करीब 7% तक की कमी की जा सकती हैं लेकिन बिजली कंपनियां इसमें अड़ंगा लगा रही हैं.

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