Meerut Triple Murder Case: उत्तर प्रदेश के मेरठ में 16 साल पहले ट्रिपल मर्डर की घटना को अंजाम दिया था. सालों बाद कोर्ट ने ट्रिपल मर्डर केस में आरोपियों को सजा सुनाई है. इस मर्डर केस में 10 आरोपियों को दोषी मानते हुए उन्हें आजीवन कारावास और उन पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. आपको बता दें कि साल 2008 में तीन लड़कों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इतना ही नहीं रातभर हत्यारे तीनों लड़के के बॉडी के टुकड़े करते रहे.
कोर्ट ने 10 आरोपियों को सुनाया आजीवन कारावास
दिल दहला देने वाली इस घटना ने पूरे मेरठ को झकझोर कर रख दिया था. इस घटना को लव ट्रेंगल की वजह से अंजाम दिया गया था. एक लड़की के प्यार में हत्यारे ने तीन नौजवानों की बेरहमी से जान ले ली. इन तीनों युवकों का शव 23 मई 2008 को बागपत और मेरठ की सीमा पर मिला था. शव को बरामद कर पुलिस ने इसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. जिसके बाद जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ.
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प्यार में दरिंदा बन गया इजलाल
घटना का मुख्य हत्यारोपी का शीबा के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था. शीबा मेरठ कॉलेज में पढ़ाई करती थी. उस दौरान उसकी दोस्ती सुनील ढाका से हुई. सुनील भी शीबा को पसंद करने लगा. इधर शीबा नहीं चाहती थी कि इजलाल कुरैशी को उसके और सुनील की दोस्ती के बारे में कुछ पता चले. एक दिन उसने इजलाल को सुनील के बारे में बता दिया और उसे उकसाया. फिर क्या, इजलाल ने पार्टी के बहाने से सुनील और उसके दो दोस्तों को बुलाया और उन्हें मौत के घाट उतार दिया.
पहले फोड़ा आंख, फिर किए टुकड़े-टुकड़े
इजलाल ने इस हत्या को अंजाम अपने भाई और दोस्तों के साथ मिलकर दिया. 22 मई, 2008 की रात 27 वर्षीय सुनील और उसके दोस्त सुधीर उज्जवल और पुनीत गिरी इजलाल से मिलने गुदड़ी बाजार पहुंचे. पहले तो इजलाल ने तीनों को गोली मार दी और फिर पतली तार से गला रेतकर उनकी आंखें बाहर निकाल दी. इतना ही नहीं आंखें निकालने के बाद रातभर हत्यारे युवकों को काटते रहे और फिर सुबह बालौनी नदी के किनारे ले जाकर शवों को फेंक दिया.