VIDEO: प्रियंका गांधी के मेरठ दौरे के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच जमकर हुई हाथापाई
प्रियंका गांधी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा के पीड़ित के परिवारों से मिलने गई थीं
मेरठ:
मेरठ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच जमकर हाथापाई हुई. प्रियंका गांधी शनिवार को मेरठ के परतापुर दौरे पर गई थी. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए. दोनों पक्षों में जमकर हाथापाई हुई. प्रियंका गांधी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा के पीड़ित के परिवारों से मिलने गई थीं. 20 दिसंबर को मेरठ में हिंसक प्रदर्शन हुआ था.
#WATCH Meerut: Scuffle broke out between Congress workers during Priyanka Gandhi’s visit in Partapur, earlier today. She was there to meet the families of the victims of the violence that broke out during protests against #CitizenshipAmendmentAct on Dec 20. pic.twitter.com/7UBpZtBNta
— ANI UP (@ANINewsUP) January 4, 2020
मेरठ में बीते दिनों नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हिंसा भड़कने के बाद उपद्रवियों के वीडियो वायरल हो रहे थे. हिंसाग्रस्त जगहों पर चौराहे पर लगे सीसीटीवी में उपद्रवियों की करतूत कैमरे में कैद हो गई. उपद्रवी हिंसा के दौरान इस कदर आक्रोशित थे कि उन्होंने पुलिस पर सीधे फायरिंग की. जुमे की नमाज के बाद उपद्रवी एकदम से सड़क पर आ गए थे, जिसके बाद मेरठ में हिंसा भड़क गई थी. लाखों की सरकारी संपत्ति का नुकसान कर दिया गया था. अब हिंसा से जुड़े वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस ने दावा किया कि इन्हीं उपद्रवियों की गोली से इन लोगों की मौत हुई.
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फिलहाल मेरठ पुलिस ने इन वीडियो को अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर आरोपियों की पहचान करने में जुटी है. इस बीच पुलिस को पता चला था कि हिंसा भड़काने में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और सोशलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीआई) का हाथ है. मेरठ के थाना नौचंदी पुलिस ने गुरुवार को एसडीआई के प्रदेश अध्यक्ष नूर हसन और उनके ड्राइवर मुईद हाशमी को गिरफ्तार किया. उनके पास से भड़काऊ और आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद की थी.
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मेरठ सहित आसपास के विभिन्न जिलों में जुमे की नमाज पर खुफिया तंत्र ने फिर से उपद्रव के अंदेशे का इनपुट दिया था. ऐसे में पुलिस प्रशासन को अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ा था. आरएएफ और पीएसी की तीन-तीन कंपनियों के अलावा 2000 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात की गई थी. सीएए के खिलाफ 20 दिसंबर को लिसाड़ी गेट व हापुड़ रोड पर उपद्रवियों ने जमकर पथराव, आगजनी और फायरिंग की थी. कई जगह भीड़ हिंसा पर उतारू थी. इस उपद्रव में कई लोगों की मौत हुई थी और काफी संख्या में लोग घायल हुए थे.
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