बसपा नेताओं को सपा में शामिल करने से मायावती खफा, ट्वीट कर जताई नाराजगी
बसपा प्रमुख मायावती ने बहुजन समाज पार्टी के नेताओं के सपा में शामिल करने पर नाराजगी जाहिर की है.
highlights
- मायावती ने बसपा की खबरों को तोड़-मरोड़ कर प्रकाशित करने का आरोप लगाया
- मायावती ने बहुजन समाज पार्टी के नेताओं के सपा में शामिल करने पर नाराजगी जाहिर की
- बसपा के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सांसद वीर सिंह और पूर्व विधायक अज़ीम भाई सपा में शामिल
लखनऊ:
यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले दल बदलने का सिलसिला जारी है. समाजवादी पार्टी बसपा नेताओं का पनाहगाह बनती जा रही है. रविवार को समाजवादी पार्टी ने बसपा को फिर बड़ा झटका दिया है. बसपा के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सांसद वीर सिंह एडवोकेट (मुरादाबाद) और फिरोजाबाद से पूर्व विधायक अज़ीम भाई अपने समर्थकों के साथ सपा में शामिल हुए. समाजवादी पार्टी ने अपने ऑफिसियल ट्वीट से इसकी जानकारी साझा की. ट्वीट में कहा गया कि, "माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के नेतृत्व में आस्था जताते हुए बसपा के राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व सांसद वीर सिंह एडवोकेट (मुरादाबाद) और फिरोजाबाद से पूर्व विधायक अज़ीम भाई अपने समर्थकों के साथ सपा में हुए शामिल."
सपा का बढ़ता कारवां!
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) October 3, 2021
माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के नेतृत्व में आस्था जताते हुए बसपा के राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व सांसद श्री वीर सिंह एडवोकेट (मुरादाबाद) और फिरोजाबाद से पूर्व विधायक श्री अज़ीम भाई अपने समर्थकों के साथ सपा में हुए शामिल।
आपका सभी का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन! pic.twitter.com/BXgcPhWSEu
बसपा प्रमुख मायावती ने बहुजन समाज पार्टी के नेताओं के सपा में शामिल करने पर नाराजगी जाहिर की है. मायावती ने कहा कि दूसरी पार्टियों के निष्कासित नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करने से कोई जनाधार मजबूत नहीं होता है. ऐसे लोग टिकट के लालच में दूसरी पार्टियों की तरफ जाते हैं.
दूसरी पार्टियों के स्वार्थी, टिकटार्थी व निष्कासित लोगों को सपा में शामिल कराने से इनकी पार्टी का कुनबा व जनाधार आदि बढ़ने वाला नहीं है. यह केवल खुद को झूठी तसल्ली देने व अपनी पार्टी से संभावित भगदड़ को रोकने की कोशिश के अलावा और कुछ नहीं, जनता यह सब खूब समझती है.
1. दूसरी पार्टियों के स्वार्थी, टिकटार्थी व निष्कासित लोगों को सपा में शामिल कराने से इनकी पार्टी का कुनबा व जनाधार आदि बढ़ने वाला नहीं है। यह केवल खुद को झूठी तसल्ली देनेे व अपनी पार्टी से संभावित भगदड़ को रोकनेे की कोशिश के अलावा और कुछ नहीं, जनता यह सब खूब समझती है।
— Mayawati (@Mayawati) October 3, 2021
अगर सपा दूसरी पार्टियों के ऐसे लोगों को पार्टी में लेगी तो निश्चय ही टिकट की लाइन में खड़े इनके बहुत लोग भी दूसरी पार्टियों में जाने की राह जरूर तलाशेंगे, जिससे इनका कुनबा व पार्टी का जनाधार बढ़ने वाला नहीं बल्कि हानि ही ज्यादा होगी, किन्तु कुछ अपनी आदत से मजबूर होते हैं.
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इसके अलावा, मीडिया द्वारा भी इन खबरों को जिस प्रकार से बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाता है उससे बीएसपी का महत्त्व कम होने के बजाय बढ़ ही रहा है कि जब इनके ऐसे लोगों का इतना महत्त्व है तो फिर यकीनन बीएसपी नेताओं व उम्मीदवारों आदि का पार्टी के बल पर जमीन पर कितना अधिक दम होगा.
3. इसके अलावा, मीडिया द्वारा भी इन खबरों को जिस प्रकार से बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाता है उससे बीएसपी का महत्त्व कम होने के बजाय बढ़ ही रहा है कि जब इनके ऐसे लोगों का इतना महत्त्व है तो फिर यकीनन बीएसपी नेताओं व उम्मीदवारों आदि का पार्टी के बल पर जमीन पर कितना अधिक दम होगा।
— Mayawati (@Mayawati) October 3, 2021
मायावती ने बसपा से निकाले गये नेताओं की खबरों को तोड़-मरोड़ कर प्रकाशित करने का आरोप लगाया. मायावती ने कहा कि इससे बसपा की अहमियत कम नहीं होगा. जमीन पर बसपा ही मजबूत है.
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