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दिल्ली दंगों ने देश को झकझोर दिया, संसद में इस पर खुली बहस हो- मायावती

दिल्ली में हिंसा में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 47 पहुंच गया है. जाहिर है हिंसा को लेकर अब राजनीति का दौर शुरू हो चुका है.

Updated on: 02 Mar 2020, 03:18 PM

लखनऊ:

दिल्ली में हिंसा में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 47 पहुंच गया है. जाहिर है हिंसा को लेकर अब राजनीति का दौर शुरू हो चुका है. संसद के बजट सत्र के दूसरे भाग की शुरुआत हंगामे के साथ हुई. दिल्ली हिंसा (Delhi Riots) को लेकर विपक्ष संसद में सत्ता पक्ष पर दबाव बनाने लगा है. इस बीच बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती (Mayawati) ने कहा कि दिल्ली दंगों ने पूरे देश को झकझोर दिया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार (Central Government) संसद के सत्र में इस मामले पर खुली बहस करवाए.

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उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक ट्वीट में कहा, '1984 के भीषण सिख दंगे की तरह ही अभी हाल में दिल्ली के हुए दंगों ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. ऐसे में बेहतर होता कि आज से शुरू हुए संसद के सत्र में केंद्र सरकार सारे काम स्थगित करके इस मामले पर खुली बहस कराकर जनता के सवालों का जवाब देती. लेकिन ऐसा नहीं करना दुखद है.'

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उधर, आज संसद परिसर में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी सांसदों ने दिल्ली हिंसा के खिलाफ महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया और गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की. राहुल गांधी की अगुवाई में मौजूद कांग्रेस सांसदों ने गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग वाले बैनर और तख्तियां ले रखी थीं. उन्होंने 'गृह मंत्री इस्तीफा दो' और 'नफरत की भाषा बंद करो' के नारे लगाए. विरोध प्रदर्शन में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम और कई अन्य सांसद मौजूद रहे.

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