अयोध्या मामले पर सौहार्दपूर्ण वातावरण में ही आगे का काम होना चाहिए :मायावती
अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने इस फैसले का सम्मान करते हुये कहा कि अब इस संबंध में सौहार्दपूर्ण वातावरण में आगे का काम होना चाहिए.
लखनऊ:
अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने इस फैसले का सम्मान करते हुये कहा कि अब इस संबंध में सौहार्दपूर्ण वातावरण में आगे का काम होना चाहिए. मायावती ने शनिवार दोपहर को फैसले के बाद ट्वीट किया, ‘‘परमपूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर के धर्मनिरपेक्ष संविधान के तहत माननीय उच्चतम न्यायालाय द्वारा रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद के सम्बंध में आज आम सहमति से दिए गए ऐतिहासिक फैसले का सभी को सम्मान करते हुए अब इस पर सौहार्दपूर्ण वातावरण में आगे काम करनी चाहिए, ऐसी अपील और सलाह है.
परमपूज्य बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर के धर्मनिरपेक्ष संविधान के तहत मा सुप्रीम कोर्ट द्वारा रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद के सम्बंध में आज आम सहमति से दिए गए ऐतिहासिक फैसले का सभी को सम्मान करते हुए अब इसपर सौहार्दपूर्ण वातावरण में ही आगे का काम होना चाहिए ऐसी अपील व सलाह
— Mayawati (@Mayawati) November 9, 2019
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
हिन्दुओं (Hindu) के सबसे बड़े आराध्य श्रीराम (SriRam) का अयोध्या में मंदिर बनने का रास्ता सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है. अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को विवादित पूरी 2.77 एकड़ जमीन राम लला को दे दी. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कानूनी तौर पर श्रीराम को एक व्यक्ति मानते हुए अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर का रास्ता साफ कर दिया है.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हिन्दुओं की आस्था और विश्वास (faith and belief) को दरकिनार नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन माह में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट और योजना बनाने का आदेश दिया है. साथ ही मुस्लिम पक्ष के लिए अयोध्या में ही दूसरी जगह 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया गया है.
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कोर्ट ने एएसआई की रिपोर्ट को माना और कहा कि मस्जिद के नीचे पहले से एक ढांचा मौजूद था. राम चबूतरा और सीता रसोई पर कोई विवाद नहीं, हिन्दू इस पर पूजा करते रहे हैं. आस्था और विश्वास पर कोई विवाद नहीं हो सकता. हिंदुओं का विश्वास है कि विवादित स्थल पर भगवान राम का जन्म हुआ था. पुरातात्विक प्रमाणों से हिंदू धर्म से जुड़ी संरचना का पता चलता है. इतिहासकारों और यात्रियों के विवरणों से भगवान राम के जन्म भूमि का ज़िक्र. कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने में मंदिर के लिए ट्रस्ट बनाने की बात कही है.
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